सियाचिन में नायब सूबेदार का निधन, सेना प्रमुख ने श्रद्धांजलि दी
राजकुमार अविनाश
- 21 Apr 2025, 08:22 PM
- Updated: 08:22 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) भारतीय सेना ने नायब सूबेदार बलदेव सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिन्होंने रविवार को सियाचिन ग्लेशियर के दुर्गम क्षेत्र में कुमार चौकी पर सेवा करते हुए अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी (जेसीओ) सिंह के पार्थिव शरीर को दिल्ली छावनी स्थित बेस अस्पताल लाए जाने पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी और श्रद्धांजलि अर्पित की।
जनरल द्विवेदी ने पूर्व में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स (18 जेएके आरआईएफ) के ‘कमांडिंग ऑफिसर’ के रूप में व्यक्तिगत रूप से उनका मार्गदर्शन किया था।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि नायब सूबेदार सिंह उत्तरी ग्लेशियर, सियाचिन के दुर्गम क्षेत्र में कुमार चौकी सिग्नल प्लाटून के साथ सेवा करते समय शहीद हो गए।
सेना ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अधिकारी बहादुर नायब सूबेदार बलदेव सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
सेना ने कहा, ‘‘भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है।’’
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है।
नायब सूबेदार सिंह 2002 में कश्मीर घाटी में ऑपरेशन रक्षक के दौरान ‘18 जेएके आरआईएफ’ में भर्ती हुए थे।
अधिकारी ने बताया, ‘‘वह पहली बार अक्टूबर 2003 में जनरल द्विवेदी के संपर्क में आए थे, जब वर्तमान सेना प्रमुख ने बटालियन की कमान संभाली थी। उस समय नायब सूबेदार सिंह डेल्टा कंपनी में सेवारत थे।’’
उन्होंने बताया कि उनकी क्षमता और प्रतिभा को पहचानते हुए ‘कमांडिंग ऑफिसर (द्विवेदी)’ ने उन्हें बटालियन के ‘सिग्नल प्लाटून’ में विशेषज्ञ पद के लिए नामित किया था।
उन्होंने कहा कि ‘18 जेएके आरआईएफ’ के ‘कमांडिंग ऑफिसर’ के रूप में जनरल द्विवेदी ने ‘‘पहला व्यक्तिगत प्रशिक्षण बलदेव सिंह को ‘इन्फैंट्री सिग्नलर’ के रूप में दिया था। युवा सैनिक ने कई अभियानों में कमांडिंग ऑफिसर के साथ काम किया और अटूट व्यावसायिकता, साहस और समर्पण का परिचय दिया।’’
समय के साथ सिंह ने तरक्की की और करीब एक साल पहले उन्हें नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत किया गया।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों सैनिकों के बीच आपसी सम्मान पर आधारित रिश्ता एक पारिवारिक रिश्ते में बदल गया, जिससे यह नुकसान और भी गहरा और व्यक्तिगत हो गया।’’
भाषा
राजकुमार