पासपोर्ट लौटाने का अनुरोध संबंधी रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई’
रंजन अविनाश
- 21 Apr 2025, 07:58 PM
- Updated: 07:58 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ के प्रस्तोता समय रैना को नयी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह उस याचिका पर गौर करेगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दिव्यांगों का उपहास किया है, जिनमें दृष्टिबाधित और स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) जैसे दुर्लभ विकार से पीड़ित शामिल हैं।
इसे एक गंभीर मसला बताते हुये, न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह से पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया के लंबित मामले में अंतरिम हस्तक्षेप याचिका के बजाय, उचित याचिका दायर करने के लिए कहा। अपराजिता गैर-सरकारी संगठन क्योर एसएमए फाउंडेशन की पैरवी कर रही थीं।
पीठ ने अधिवक्ता से कहा, ‘‘यह गंभीर मसला है। आप रिट याचिका दाखिल करिये। हम देखेंगे कि, (इसमें) क्या किया जा सकता है। रिट क्षेत्राधिकार में हमारा दायरा व्यापक है।’’
न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘पॉडकास्टर’ रणवीर इलाहाबादिया के संबंध में जांच पूरी हो गई है और रैना के शो में अभद्र टिप्पणी के मामले में पासपोर्ट वापस करने के अनुरोध वाली याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।
शीर्ष अदालत ने यूट्यूब कार्यक्रम के दौरान टिप्पणियों को लेकर इलाहाबादिया के खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकी के संबंध में 18 फरवरी को उन्हें गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी और उन्हें ठाणे के नोडल साइबर पुलिस थाने के जांच अधिकारी के पास अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान असम और महाराष्ट्र पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गुवाहाटी की प्राथमिकी में एक सह-आरोपी का बयान दर्ज किया जाएगा, जबकि मुंबई में प्राथमिकी के संबंध में जांच पूरी हो चुकी है लेकिन आरोप पत्र दाखिल किया जाना बाकी है।
पीठ ने मेहता का बयान दर्ज किया और पाया कि इलाहाबादिया के मामले में जांच पूरी हो चुकी है।
असम पुलिस के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था और उनमें से एक को छोड़कर, इलाहाबादिया समेत सभी ने उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराए।
उन्होंने बताया कि सह-आरोपी अपूर्वा मखीजा को बयान दर्ज कराने के लिए दो बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह नहीं आई।
अधिवक्ता ने कहा, ‘‘उनका बयान दर्ज कराने की अगली तारीख मंगलवार है।’’ उन्होंने अदालत को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का आश्वासन दिया।
इलाहाबादिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो में आने के अलावा इस मामले के किसी भी आरोपी से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने बताया कि इलाहाबादिया संबंधित पुलिस अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुए और बयान दर्ज कराया।
दूसरी ओर, गैर-सरकारी संगठन ने मौजूदा कानूनी ढांचे में कमियों का हवाला दिया और पीठ से ऑनलाइन सामग्री पर दिशानिर्देश तैयार करने का आग्रह किया।
गैर-सरकारी संगठन ने स्पष्ट किया कि हालांकि उसका इरादा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए प्रसारित की जाने वाली सभी सामग्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का नहीं है, उसका आशय केवल अपमानजनक, बदनाम करने वाली या कमतर आंकने वाली सामग्री से है।
इसकी याचिका में कहा गया है कि रैना के कृत्य ने जनता की मानसिकता को खराब किया।
एक अप्रैल को इलाहाबादिया ने शीर्ष न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि वह अपने ‘‘द रणवीर शो’’ में शालीनता बनाए रखेंगे।
शीर्ष अदालत ने तीन मार्च को इलाहाबादिया को अपने पॉडकास्ट ‘द रणवीर शो’ को फिर से शुरू करने की अनुमति दी, बशर्ते वह ‘नैतिकता और शालीनता’ बनाए रखें और इसे सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाएं।
‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया पर ‘कॉमेडियन’ समय रैना के यूट्यूब कार्यक्रम ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में माता-पिता और यौन संबंधों पर उनकी टिप्पणियों के लिए मामला दर्ज किया गया था।
शीर्ष अदालत ने शुरू में इलाहाबादिया को अपने पॉडकास्ट के किसी भी कार्यक्रम को प्रसारित करने से रोक दिया था जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन विचाराधीन मामलों के गुण-दोष पर असर पड़ता हो, जिनमें वह शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी को इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया, जबकि उनकी टिप्पणियों को ‘‘अश्लील’’ कहा और कहा कि उनके दिमाग में ‘‘गंदगी’’ भरी है, जो समाज को शर्मसार करती है।
इलाहाबादिया और रैना के अलावा असम में दर्ज मामले में नामजद अन्य लोगों में कॉमेडियन आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा शामिल हैं।
भाषा रंजन