राज ठाकरे अगर भाजपा, शिंदे की शिवसेना से दूर रहेंगे तो उद्धव को उनसे कोई दिक्कत नहीं होगी: सामना
प्रशांत दिलीप
- 21 Apr 2025, 03:37 PM
- Updated: 03:37 PM
मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने सोमवार को कहा कि यदि राज ठाकरे भारतीय जनता पार्टी और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना से दूर रहते हैं, तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच “किसी मुद्दे” का कोई सवाल ही नहीं उठता।
शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सुलह की संभावना ने ‘महाराष्ट्र विरोधियों’ को परेशान कर दिया है।
चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है, क्योंकि उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे “मामूली मुद्दों” को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु मतभेद के बाद हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख ने कहा है कि ‘मराठी मानुष’ के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां दरकिनार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को महत्व नहीं दिया जाए।
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि राज ठाकरे द्वारा संदर्भित मुद्दे सार्वजनिक रूप से कभी सामने नहीं आए।
संपादकीय में कहा गया कि राज मराठी लोगों की बात करते रहे हैं और शिवसेना का जन्म मराठी हित के लिए हुआ और उद्धव ठाकरे ने वह हित नहीं छोड़ा, तो कोई विवाद है कहां?
मराठी दैनिक ने कहा, “भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए इस पर बात करने का कोई कारण नहीं था। इन लोगों ने ही तथाकथित मुद्दों को शुरू किया। इसलिए भाजपा और शिंदे सेना को अगर दूर रखा जाए, तो कोई मुद्दा नहीं रहेगा।”
सामना में कहा गया है कि भाजपा और शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने राज के कंधों पर बंदूक रखकर शिवसेना (उबाठा) पर निशाना साधा। इससे मनसे को कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि मराठी एकता को नुकसान पहुंचा।
संपादकीय में आरोप लगाया गया कि भाजपा की साजिश मराठी एकता को कमजोर करना है।
मराठी दैनिक ने दावा किया कि राज का रुख यह था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को महाराष्ट्र में कदम रखने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन वह इस पर कायम नहीं रहे।
उल्लेखनीय है कि मनसे ने 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए बिना शर्त समर्थन की घोषणा की थी।
संपादकीय में आरोप लगाया गया कि भाजपा का हिंदुत्व “नकली और खोखला” है और राज इसके जाल में फंस गए और इसमें डूबने लगे।
उन्होंने कहा कि अगर पूरा जीवन झगड़ों और समस्याओं से निपटने में बीत गया, तो महाराष्ट्र कभी माफ नहीं करेगा।
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