तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख सेल्वापेरुन्थगई ने द्रमुक सरकार से जाति सर्वेक्षण कराने का आग्रह किया
नेत्रपाल सुरेश
- 18 Apr 2025, 06:07 PM
- Updated: 06:07 PM
चेन्नई, 18 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष सेल्वापेरुन्थगई ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने के पक्ष में है और संबंधित कवायद यह सुनिश्चित करने के लिए की जानी चाहिए कि कल्याणकारी योजनाएं तथा अन्य लाभ सही अनुपात में सही लोगों तक पहुंचें।
कांग्रेस द्वारा अपने शासन वाले राज्यों में जाति सर्वेक्षण कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर सेल्वापेरुन्थगई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि हालांकि केंद्र को जाति जनगणना करानी चाहिए, लेकिन उनकी पार्टी का रुख यह है कि राज्य सरकारें जाति सर्वेक्षण करा सकती हैं।
कांग्रेस तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है।
जनगणना संविधान की संघ सूची के अंतर्गत एक विषय है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आग्रह कर रहे हैं कि ऐसा किया जाना चाहिए, हम तमिलनाडु सरकार से ऐसा करने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि कल्याणकारी योजनाएं और लाभ सही अनुपात में वास्तविक लोगों तक पहुंच सकें।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस पार्टी का 2006-11 के दौरान अकसर सुना जाने वाला ‘‘सत्ता में हिस्सेदारी’’ का नारा अब भी जारी रहेगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नीतिगत मामला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव लड़ने के लिए (सहयोगी से) कितनी सीट मांगी जानी चाहिए और पार्टी को सत्ता में हिस्सेदारी मांगनी चाहिए या नहीं, जैसे मामलों पर निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ही कर सकती है।’’
हाल ही में, पार्टी के एक पदाधिकारी ने सेल्वापेरुन्थगई को ‘‘वर्ष 2026 का उपमुख्यमंत्री’’ बताया था और सत्ता में हिस्सेदारी की वकालत की थी। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।
सत्तारूढ़ द्रमुक के साथ उनके अत्यधिक मित्रवत व्यवहार को लेकर उनकी पार्टी के कुछ हलकों में भी आलोचना होने से जुड़े सवाल पर सेल्वापेरुंथगई ने कहा कि उनकी पार्टी और द्रमुक के बीच विचारधारा से प्रेरित गठबंधन लगातार चुनावी जीत के साथ सफल रहा है और 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका ‘स्ट्राइक रेट’ शत- प्रतिशत था।
द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन ने 2019 में पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया था।
सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में क्या द्रमुक नेतृत्व के साथ दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना तथा ईमानदार और सच्ची दोस्ती बनाए रखना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए आलोचना पूर्वाग्रह से प्रेरित है।
जमीनी स्तर पर कांग्रेस की मजबूती पर उन्होंने कहा कि पार्टी की ग्राम समितियों में सुधार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब तक कोई डेटाबेस नहीं था, लेकिन अब यह बनाया जा रहा है और पदाधिकारियों को क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र दिए जा रहे हैं तथा ग्राम समितियों के पदाधिकारियों का 53 प्रतिशत डेटाबेस तैयार है।
अन्नाद्रमुक-भाजपा के बीच संबंधों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी हमेशा से कहती रही है कि वह भाजपा के साथ कभी कोई संबंध नहीं रखेगी और उन्हें आश्चर्य है कि अब गठबंधन कैसे बन गया। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह मजबूरी है या धमकी?’’
भाषा नेत्रपाल