स्वस्थ भोजन क्यों हो सकता है खाने को बर्बादी से बचाने का सबसे अच्छा तरीका?
जोहेब नरेश
- 18 Apr 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
(ट्रैंग एनगुयेन, जैक हैथरिंगटन और पैट्रिक ओ'कोनोर, एडिलेड विश्वविद्यालय)
एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), 18 अप्रैल (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया में लोग हर साल 7.68 मिलिटन टन भोजन बर्बाद करते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को 36.6 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर जबकि परिवारों को 2,500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का नुकसान होता है।
ज्यादातर भोजन घरों में बर्बाद होता है। इसका मतलब यह है कि जरूरी नहीं कि खान-पान के मामलों को लेकर उपभोक्ताओं के बीच तेजी से बढ़ती जागरुकता हमेशा उनके व्यवहार में भी झलके।
हमारे पिछले शोध से पता चला है कि लोगों के भोजन बर्बाद करने और उसके निपटान के तरीके भिन्न होते हैं।
हमारे नवीनतम अध्ययन में दो समूहों पर करीब से नजर रखी गई, जो अलग-अलग कारणों से भोजन के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। इससे एक विरोधाभास सामने आया: जो लोग स्वस्थ भोजन को प्राथमिकता देते हैं, वे कम भोजन बर्बाद करते हैं, जबकि जो लोग स्वास्थ्य को ध्यान में न रखकर सस्ता भोजन करते हैं, वे आवश्यक रूप से अपशिष्ट में कमी लाने का प्रयास नहीं करते।
इससे पता चलता है कि स्वस्थ खान-पान की आदतों को प्रोत्साहित करना, घरेलू खाद्य अपशिष्ट को कम करने का बेहतर तरीका हो सकता है।
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जागरुक लोग कम भोजन बर्बाद करते हैं।
यह समझने के लिए कि खान-पान के तरीके किस तरह से बर्बादी को प्रभावित करते हैं, हमने अप्रैल और मई 2021 के बीच एडिलेड में रहने वाले 1,030 ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ताओं का सर्वेक्षण किया। हमने राष्ट्रीय जनसांख्यिकी के आधार पर चीजों को समझने के लिए आयु, लिंग और घरेलू आय जैसे कुछ मानक निर्धारित किए।
हम यह जानना चाहते थे कि कौन अधिक भोजन बर्बाद करता है: कौन पोषण के प्रति या भविष्य के प्रति जागरूक उपभोक्ता है?
हमने प्रत्येक व्यक्ति से पूछा कि वे भोजन और खरीदारी की योजना कैसे बनाते हैं, भोजन खरीदते समय वे किस चीज को महत्व देते हैं, तथा प्रत्येक सप्ताह वे कितना भोजन फेंक देते हैं।
परिणाम बताते हैं कि पोषण के प्रति जागरूक उपभोक्ता भोजन की योजना पहले से बनाते हैं, खरीदारी की सूची बनाते हैं और अधिक खरीदारी से बचते हैं। इस प्रकार का व्यवहार स्वस्थ आहार और भोजन की बर्बादी को रोकने में योगदान देता है।
हमने पाया कि जो उपभोक्ता पोषण के प्रति अधिक सचेत होकर भोजन चुनते हैं, वे कम भोजन बर्बाद करते हैं।
दूसरी ओर, जिन लोगों ने पोषण तत्वों से भरपूर भोजन की परवाह नहीं की, उनके बीच खाद्य पदार्थों की बर्बादी में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं देखी गई।
ये उपभोक्ता पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को चुनते हैं। वे आम तौर पर स्थानीय स्तर पर खरीदारी करना, जैविक उत्पाद खरीदना और पैकेज वाले खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से बचना पसंद करते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे भोजन कम बर्बाद करते हैं।
पोषण तत्वों की परवाह नहीं करने वाले लोग अपनी जरूरत से ज्यादा खाना खरीदते हैं। उनके इरादे तो अच्छे होते हैं, लेकिन उनके पास भोजन को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने और उपभोग करने की रणनीति नहीं होती। दुर्भाग्य से इसका मतलब है कि ऐसे लोगों का भोजन अधिक बर्बाद होता है।
अंततः अधिक खान-पान का दीर्घकालिक तरीका विकसित करना केवल सही उत्पाद खरीदना नहीं है। जरूरी है कि हम उनके उपभोग के तरीके को समझें।
यह नीति निर्माताओं और खाद्य अपशिष्ट को कम करने के उद्देश्य से अभियान चलाने के लिए एक अवसर पेश करता है। पोषण में सुधार के बारे में संदेश शामिल करने से स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है और साथ ही खाद्य अपशिष्ट को कम किया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलियाई स्कूल-आधारित कार्यक्रम में पाया गया कि अपना भोजन स्वयं तैयार करने वाले बच्चों ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले की तुलना में कम भोजन बर्बाद किया।
इसलिए हमारा अध्ययन घरों में भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सुझाता है, जैसे : पहले से योजना तैयार करना, केवल जरूरत के अनुसार सामान खरीदना, भोजन को उचित तरीके से संग्रहित करना, पोषण को प्राथमिकता देना और खरीदने के बजाय जो आपके पास पहले से है, उसका इस्तेमाल करना।
(द कन्वरसेशन)
जोहेब