जनरल द्विवेदी ने सुदर्शन चक्र कोर की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की, पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया
ब्रजेन्द्र खारी
- 17 Apr 2025, 09:52 PM
- Updated: 09:52 PM
भोपाल, 17 अप्रैल (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को सुदर्शन चक्र कोर की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की और समाज एवं राष्ट्र निर्माण में निरंतर योगदान के लिए पांच पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया।
भोपाल मुख्यालय 21 कोर या सुदर्शन चक्र कोर, भारतीय सेना की एक ‘स्ट्राइक’ इकाई है और दुश्मन के इलाके में गहराई तक ऑपरेशन करने में सक्षम है।
सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने सुदर्शन चक्र कोर की परिचालन तैयारियों की व्यापक समीक्षा की, जिससे उच्च लड़ाकू तैयारी, नवाचार और पेशेवर उत्कृष्टता के प्रति भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को बल मिला।’’
बयान में कहा गया कि द्विवेदी को मौजूदा पहलों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के समावेश के बारे में जानकारी दी गई। सेना प्रमुख ने सैनिकों के साथ बातचीत की और परिचालन दक्षता, अनुकूली प्रशिक्षण और युद्धक्षेत्र नवाचार की प्रशंसा की।
उन्होंने समाज और राष्ट्र निर्माण में निरंतर योगदान के लिए पांच पूर्व सैनिकों को ‘वेटरन अचीवर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया।
सम्मानित होने वालों में ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक शामिल हैं, जिन्होंने 300 से अधिक पूर्व सैनिकों को रोजगार देने वाली पुनर्वास महानिदेशालय प्रायोजित सुरक्षा एजेंसी की स्थापना की है।
बयान के मुताबिक विनायक ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों की ‘वीर नारियों’ के लिए भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) से जोड़ा और पारिवारिक पेंशन में उदारीकरण की वकालत की।
मध्यप्रदेश पूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) बैतूल में ‘ओजस शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान’ से जुड़े हैं। यह संस्थान रक्षा बलों में शामिल होने के इच्छुक आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करता है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कर्नल के.पी. सिंह, सेवानिवृत्त सैनिकों और उनकी पत्नियों को कानूनी सहयोग देने, बायोमेट्रिक जीवन प्रमाणन और ‘स्पर्श’ मुद्दे के समाधान के लिए पहचाने जाते हैं।
नायक अनिल कुमार वर्मा (सेवानिवृत्त) ने अपने पैतृक घर को लड़कियों के छात्रावास में बदल दिया और बिलासपुर में वंचित आदिवासी बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना की। यह स्कूल बोर्ड परीक्षाओं में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहा है।
लांस दफादार प्रदीप कालस्कर (सेवानिवृत्त) सक्रिय रूप से पूर्व सैनिकों के पेंशन और वित्तीय मुद्दों को हल करने में मदद करते हैं। उन्होंने एक बार आग से पांच लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उन्हें 1,000 से अधिक पौधे लगाने के लिए वृक्षमित्र के रूप में भी सम्मानित किया गया है।
जनरल द्विवेदी ने योद्धा स्थल का दौरा किया। यह स्थल नागरिक-सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने के केंद्र के रुप में जाना जाता है।
भाषा ब्रजेन्द्र