दिल्ली उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारियों की समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की: आशीष सूद
रवि कांत सुरेश
- 17 Apr 2025, 09:08 PM
- Updated: 09:08 PM
नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बृहस्पतिवार को कहा कि राजधानी में निजी स्कूलों के निरीक्षण के लिए जिलाधिकारियों और उप-मंडलीय दंडाधिकारी की एक समिति गठित की गई है।
सूद ने कहा कि इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने द्वारका स्थित एक निजी स्कूल को फटकार लगाई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को द्वारका स्थित ‘दिल्ली पब्लिक स्कूल’ को फीस के लिए छात्रों को पुस्तकालय में बंद करने और उन्हें कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं देने जैसे ‘अमानवीय’ व्यवहार के लिए फटकार लगाई और कहा कि ऐसा स्कूल बंद करने के लायक है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि छात्रों के साथ उन्हें ‘वस्तु’ समझकर व्यवहार करने वाले स्कूल को बंद कर दिया जाना चाहिए।
सूद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने जिलाधिकारी (डीएम) और उप-मंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) की एक समिति गठित की, जिसने निजी स्कूलों का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। अदालत ने उन निष्कर्षों के आधार पर टिप्पणियां कीं।’’
सूद ने दावा किया कि निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वृद्धि का मुद्दा पिछले पांच वर्षों से लंबित था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली में सत्ता में आने के बाद ही इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इससे पहले निजी स्कूलों को फीस बढ़ोतरी पर स्पष्टीकरण देने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री ने भी मामले को नजरअंदाज किया। लेकिन, अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हम कार्रवाई कर रहे हैं।’’
सूद ने द्वारका के ‘दिल्ली पब्लिक स्कूल’ मामले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘डीपीएस द्वारका के मामले में कल अदालत ने आदेश पारित किया। ऐसे मामलों को ऐसे ही निपटाया जाना चाहिए- तथ्यों और कानूनी कदमों के साथ। समिति की रिपोर्ट के आधार पर डीएम को डीपीएस द्वारका का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए अदालत को सूचित करना था।’’
सूद ने कहा कि प्रशासन किसी भी तरह के अन्याय को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और जो लोग दिल्ली सरकार की तुलना 'फुलेरा की पंचायत' से करके उसका मजाक उड़ाते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि शासन के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है, न कि केवल दिखावटी शब्दों की।
शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पिछली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पांच साल तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। लेकिन, हमने कम समय में ही 600 स्कूलों की रिपोर्ट पर कार्रवाई की है। कई स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। हम वही कर रहे हैं जो वे (आप) करने में विफल रहे।’’
दिल्ली सरकार ने बुधवार को अनियमित फीस वृद्धि की शिकायतों के बाद 600 निजी स्कूलों का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि 10 से अधिक स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।
भाषा रवि कांत