राजस्थान के बूंदी में कुम्हार को 13.55 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए आयकर विभाग का नोटिस मिला
स. पृथ्वी खारी
- 17 Apr 2025, 06:42 PM
- Updated: 06:42 PM
कोटा, 17 अप्रैल (भाषा) राजस्थान में सालाना 95,000 रुपये कमाने वाला कुम्हार उस समय अचंभित हो गया जब उसे 2020-21 में 13.55 करोड़ रुपये के व्यापारिक लेनदेन के लिए पिछले माह आयकर विभाग से दो नोटिस मिले।
मामला बूंदी जिले के झालीजी के बराना गांव में मटके बेचने का काम करने वाले विष्णु कुमार प्रजापत (32) से जुड़ा है। बाद में पता चला कि यह मामला संभवतः ‘गलत पहचान’ का है और पुलिस ने बुधवार को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
पुलिस के अनुसार विष्णु कुमार के पैन कार्ड और आधार की जानकारी का दुरुपयोग मुंबई स्थित एक फर्म ने कथित तौर पर दो व्यावसायिक लेनदेन में किया। फर्म संभवत: इस लेनदेन को संबंधित विभाग की जानकारी में लाने से बचना चाहती थी।
प्रजापत को ईमेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से 11 मार्च को पहला नोटिस मिला, जिसमें कहा गया कि उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 में 10.61 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया। नोटिस में उन्हें 19 मार्च तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया।
प्रजापत का कहना है कि वह तुरंत स्थानीय पुलिस थाने पहुंचे। वहां से उन्हें बूंदी के साइबर पुलिस थाने भेजा गया, लेकिन वहां भी किसी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी। इसके बाद प्रजापत ने एक ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट’ की मदद ली, जिसने कुछ छानबीन की तो पता चला कि प्रजापत के आधार, पैन और अन्य दस्तावेज ब्योरों का ‘‘दुरुपयोग’’ मुंबई में एकल स्वामित्व वाली कंपनी के जीएसटी पंजीकरण के लिए किया गया था।
यह भी पता चला कि फर्म ने प्रजापत की जानकारी का उपयोग करके दो व्यापारिक लेनदेन किए जिनमें से एक लेनदेन 10.61 करोड़ रुपये का और दूसरा 2.83 करोड़ रुपये का है।
इस जानकारी के साथ प्रजापत 23 मार्च को बूंदी के जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गए जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा ने उनकी समस्या सुनी।
उनकी शिकायत जांच के लिए साइबर पुलिस थाने भेजी गई। इस बीच, प्रजापत को 30 मार्च को आयकर विभाग से एक और नोटिस मिला। इस बार नोटिस उसी वित्त वर्ष के दौरान 2.83 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए था।
स्नातक तक पढ़े प्रजापत ने कहा, ‘‘बुधवार को दो पुलिसकर्मी मेरे घर आए और मुझे आश्वासन दिया कि मेरे साथ कोई अन्याय नहीं होगा।’’ उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका पैतृक काम मिट्टी के बर्तन बेचना है जिससे वह हर साल लगभग 95,000 रुपये कमाते हैं।
पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक मुखेंद्रपाल सिंह ने कहा कि बुधवार रात गेंडोली पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और आगे की जांच जारी है।
पुलिस अधिकारी ने मामले की जांच शुरू करने में देरी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि शिकायत कुछ दिन पहले ही मिली थी और इसकी जांच में धोखाधड़ी और कर चोरी का खुलासा हुआ।
सिंह ने बताया कि प्रजापत ने पहले बूंदी में एक निजी कंपनी में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम पाने के लिए अपने दस्तावेज जमा कराए थे और संभवत: वहीं से उनकी निजी जानकारी लीक हुई होगी।
भाषा स. पृथ्वी