भाजपा नेताओं ने लोगों के नौकरी गंवाने और मुर्शिदाबाद हिंसा के विरोध में आयोजित रैली में हिस्सा लिया
संतोष रंजन
- 13 Apr 2025, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
कोलकाता, 13 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को स्कूलों के 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के नौकरी गंवाने और मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर कथित हमलों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक एक विशाल विरोध रैली में हिस्सा लिया।
रैली का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और न्यायाधीश से सांसद बने अभिजीत गंगोपाध्याय ने किया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तख्तियां लेकर नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’ और ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ करने का आरोप लगाया।
धर्मतला में प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने टायर भी जलाए। राज्य के स्कूलों के 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा अमान्य ठहराए जाने और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘भ्रष्ट और कलंकित’ करार देने और बंगाल के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के बाद पनपे आक्रोश के बीच यह विरोध प्रदर्शन किया गया।
मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा, ‘‘इस शासन ने न केवल लाखों बेरोजगार युवाओं को धोखा दिया है, बल्कि कानून-व्यवस्था के भी ध्वस्त होने का मार्ग प्रशस्त किया। हिंदुओं पर उनके ही देश में हमला किया जा रहा है।’’
मजूमदार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘कट्टरपंथियों को बचा रही है’ और असहमति की आवाजों को दबा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘नौकरी से लेकर न्याय तक, बंगाल में सब कुछ लूटा जा रहा है।’’
अधिकारी ने कहा कि उनकी पार्टी मुर्शिदाबाद के समसेरगंज में एक व्यक्ति और उसके बेटे की हत्या की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की भी मांग करेगी।
घोष ने कहा, ‘‘यह विरोध प्रदर्शन बंगाल के भविष्य को बचाने के लिए है।’’ भाजपा द्वारा मुर्शिदाबाद और बीरभूम सहित कई स्थानों पर हिंसा की निंदा करते हुए कई विरोध रैलियां आयोजित की गईं।
भाषा संतोष