निवेशकों के लिए भारत में काफी अवसर, वित्तीय योजनाओं पर टिके रहने की जरूरत : बाजार विशेषज्ञ
अजय
- 13 Apr 2025, 12:38 PM
- Updated: 12:38 PM
(राधा रमण मिश्रा)
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत माध्यम से लंबी अवधि के लिहाज से आकर्षक और काफी अवसरों वाला मजबूत बाजार है तथा निवेशकों को मौजूदा हालात से घबराने के बजाय अपनी दीर्घकालीन वित्तीय योजनाओं पर टिके रहने की जरूरत है। इसके साथ निवेशक निवेश राशि को एक जगह लगाने के बजाय बॉन्ड, सोने, सावधि जमा समेत अन्य क्षेत्रों पर लगाने पर गौर कर सकते हैं।
अमेरिका के शुल्क लगाने की घोषणा के बाद हाल में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के साथ म्यूचुअल फंड में विशेषकर इक्विटी से जुड़े रिटर्न पर भी असर पड़ा है। वहीं सोने के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने से निवेशक इसमें नये निवेश से बच रहे हैं।
इन परिस्थितियों में निवेशकों के पास निवेश के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (निवेश उत्पाद) अमर रानू ने कहा, ‘‘उथल-पुथल से भरी दुनिया में, भारत एक ऐसा बाजार है, जो स्थिर और अवसरों से भरा है। अनुकूल राजकोषीय और मौद्रिक नीति के साथ विशेष रूप से विविध और अनुशासित रणनीतियों के माध्यम से, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए भरोसे के साथ पूंजी लगाने के लिए माहौल अनुकूल है। मौजूदा हालात में चुनिंदा बॉन्ड में निवेश, सुरक्षा के लिए सोने और शेयरों में एसआईपी सबसे अच्छे उपाय हो सकते हैं।’’
यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लि. के इक्विटी प्रमुख संजय बेम्बालकर ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था के नजरिये से भारत आकर्षक स्थल बना हुआ है। अनिश्चितता से भरे मौजूदा माहौल में हमारा सुझाव है कि निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और लंबी अवधि के निवेश नजरिये को अपनाने के साथ एसआईपी/एसटीपी (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) को जारी रखना चाहिए और लंबी अवधि की अपनी वित्तीय योजनाओं से विचलित नहीं होना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो में शेयर समेत विभिन्न निवेश उत्पादों को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए।’’
वित्तीय सेवा कंपनी वेंचुरा के शोध प्रमुख विनित बोलिंजकर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर तनाव, वृहद आर्थिक बदलाव और पूंजी प्रवाह में अस्थिरता के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के मौजूदा माहौल में वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है। इसका असर सिर्फ शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर भी पड़ा है....।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी स्थिति में निवेशकों के लिए सबसे बेहतर विकल्प एक विविध रणनीति है जो जोखिम और लाभ को संतुलित करे। चुनिंदा कम अवधि के बॉन्ड, अच्छी कंपंनियों के शेयर और महंगाई से निपटने में मददगार सोने जैसी परिसंपत्तियों में पूंजी लगाने से इस दौर से मजबूती से निपटने में मदद मिल सकती है। एक ही जगह पैसा लगाने से बचना और अल्पकालिक रुख के हिसाब से निर्णय नहीं करना, सबसे जरूरी है।’’
यह पूछे जाने पर कि मौजूदा अनिश्चितता के बीच निवेशकों को क्या करना चाहिए, रानू ने कहा, ‘‘ मौजूदा निवेशकों को घबराने के बजाय, अस्थिरता को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि उनका कोई मौजूदा निवेश भविष्य की बाजार स्थितियों के अनुरूप नहीं है, तो उन्हें उनपर गौर करना चाहिए और आवश्यक फेरबदल करने चाहिए। उन्हें जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, नए निवेशकों जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं, उनके लिए बाजार की वर्तमान स्थिति से बेहतर कुछ नहीं है। एसआईपी या एसटीपी के साथ कोई भी एकमुश्त निवेश दीर्घकालिक स्तर पर पोर्टफोलियो के विकास में योगदान देगा। नये और मौजूदा दोनों निवेशकों को, बाजार की स्थिति की परवाह किये बिना, अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते समय आपात स्थिति के लिए बचत और एक ही जगह पैसा लगाने के जोखिम को लेकर उससे बचाव के उपायों पर ध्यान रखना चाहिए।’’
बेम्बालकर ने कहा, ‘‘ हमें यह समझना होगा कि इक्विटी निवेश में अस्थिरता अंतर्निहित प्रकृति है और रिटर्न हमेशा एक जैसा नहीं रह सकता। दीर्घकालिक नजरिये से निवेश करने वाले निवेशक निचले मूल्य पर खरीदारी कर अपने शेयर निवेश के औसत मूल्य को बेहतर कर सकते हैं...। निवेश करते समय पैसे को विभिन्न उत्पादों में लगाना बेहतर है...।’’
बोलिंजकर ने कहा, ‘‘जो लोग इक्विटी में निवेश करते हैं या इन स्तर पर निवेश करने विचार कर रहे हैं, उनके लिए मेरी सलाह स्पष्ट है कि बुनियादी बातों पर ध्यान दें। यह उच्च-बीटा ट्रेड या सट्टे वाले क्षेत्रों के लिए समय नहीं है। इसके बजाय, वे ऐसी कंपनियों में पैसा लगाये हैं, जहां लगातार नकदी प्रवाह है, कर्ज प्रबंधन लायक है और कीमत निर्धारण के लिहाज से स्थिति मजबूत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश कर रहे हैं तो अपने एसआईपी जारी रखें। वास्तव में, यह अस्थिरता रुपया-लागत औसत को बेहतर करने का एक अच्छा अवसर है। लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी वित्तीय बुनियाद सुरक्षित है। इसके लिए आपात समय के लिए नकदी रखें और अत्यधिक कर्ज से बचें।’’
यह पूछे जाने पर क्या निवेशकों को मौजूदा समय में एफडी जैसे परंपरागत बचत और निवेश उत्पादों को तरजीह देना चाहिए, रानू ने कहा, ‘‘आपकी समयसीमा, जोखिम सहने की शक्ति और निवेश के उद्देश्य सब कुछ निर्धारित करते हैं। हालांकि सावधि जमा (एफडी) और अन्य पारंपरिक निवेश उत्पाद बाजार की अस्थिरता से बचा सकते हैं, लेकिन उसकी एक लागत भी है क्योंकि वे कर के मोर्चे पर कुशल नहीं हैं और लंबे समय में महंगाई के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, समय से पहले निकासी के लिए जुर्माने से रिटर्न और भी कम हो जाता है।’’
वेंचुरा के बोलिंजकर ने कहा, ‘‘जहां तक सावधि जमा जैसे पारंपरिक उत्पादों की बात है, वे निश्चित रूप से पूंजी संरक्षण के लिहाज से उपयुक्त हैं, खासकर उन निवेशकों के लिए जो इक्विटी बाजार से दूर रहना चाहते हैं और या निकट अवधि में नकदी की जरूरत है। हालांकि, एफडी पर रिटर्न अब भी कई लोगों (ऊंचे कर स्लैब में आने वाले) के लिए मुद्रास्फीति-समायोजित स्तर से नीचे है। ‘टारगेट मैच्योरिटी फंड’ या ‘फ्लोटिंग रेट’ आधारित बचत उत्पाद जैसे विकल्प जोखिम समायोजन के साथ बेहत रिटर्न प्रदान करते हैं...।’
सोना, चांदी, रीट और इनविट जैसे निवेश उत्पादों के बारे में पूछे जाने पर रानू ने कहा, ‘‘ ये उत्पाद शेयर बाजार में गिरावट के दौरान बेहतरीन विविधता लाने वाले और झटकों के समय राहत देने वाले हैं। लेकिन कुल निवेश पोर्टफोलियो में इनका योगदान 20- 30 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ शेयर बाजार में गिरावट के दौरान सोना अच्छा प्रदर्शन करता है, साथ ही यह महंगाई, मुद्रा में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक खतरों के खिलाफ बचाव का काम भी करता है। इसी तरह, मजबूत औद्योगिक मांग के कारण, चांदी ज्यादा अस्थिरता के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करती है। वहीं स्थिर रिटर्न और नकदी चाहने वाले निवेशकों के लिए रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) बेहतरीन विविधता प्रदान करते हैं।’’
भाषा रमण