नेशनल हेराल्ड मामला:ईडी ने कांग्रेस से जुड़े एजेएल मामले में संपत्ति पर कब्जे के लिए नोटिस दिया
खारी संतोष
- 12 Apr 2025, 08:03 PM
- Updated: 08:03 PM
नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति पर कब्जे के लिए नोटिस जारी किया है, जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत कुर्क किया था।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने सक्षम संपत्ति रजिस्ट्रार को संबंधित दस्तावेज सौंप दिए हैं, जहां संपत्तियां स्थित हैं।
इसके साथ ही, ये नोटिस इन संपत्तियों के ‘प्रमुख हिस्सों’ पर शुक्रवार को चस्पा किए गए जिनमें दिल्ली में आईटीओ (5ए, बहादुर शाह जफर मार्ग) स्थित ‘हेराल्ड हाउस’, मुंबई के बांद्रा (ई) इलाके की संपत्ति (प्लॉट संख्या-दो, सर्वेक्षण नंबर 341) और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बिशेश्वर नाथ मार्ग (संपत्ति संख्या-एक) पर स्थित ‘एजेएल बिल्डिंग’ शामिल है।
नोटिस में मुख्य रूप से ईडी ने कब्जे में लिए जाने वाले परिसर को खाली करने के लिए कहा है।
इसने कहा, ‘‘एक नोटिस...मुंबई के बांद्रा (पूर्व) में ‘हेराल्ड हाउस’ में सातवीं, आठवीं और नौवीं मंजिल पर स्थित जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी भेजा गया है, ताकि हर महीने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के नाम पर हर माह किराया/पट्टा राशि अंतरित की जा सके।’’
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा (8) और नियम 5(1) के तहत की गई है जो ईडी द्वारा कुर्क की गई और निर्णायक प्राधिकरण द्वारा पुष्टि की गई संपत्तियों पर कब्जे की प्रक्रिया का प्रावधान करता है।
एजेएल के 90.2 करोड़ रुपये के शेयर के अलावा, नवंबर 2023 में ईडी ने 661 करोड़ रुपये की इन अचल संपत्तियों को ‘‘अपराध की आय के रूप में और आरोपी को इसे बेचने से रोकने के लिए’’ कुर्क किया था।
प्राधिकार ने पिछले साल अप्रैल में इस आदेश की पुष्टि की थी। ईडी के अनुसार, मामले में कुल ‘‘अपराध से अर्जित आय’’ 988 करोड़ रुपये थी।
कांग्रेस ने पहले जांच को ‘‘प्रतिशोध की रणनीति’’ करार दिया था और ईडी को भाजपा का ‘‘गठबंधन सहयोगी’’ बताया था।
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 26 जून 2014 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लिये जाने के बाद ईडी ने 2021 में जांच शुरू की थी।
ईडी ने कहा कि शिकायत में सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ समेत कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘‘आपराधिक साजिश’’ को उजागर किया गया है।
इसने कहा कि शिकायत में इन सभी पर एजेएल से जुड़ी 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को धोखाधड़ी से अपने अधीन लेने से जुड़ी धन शोधन योजना में संलिप्तता का आरोप लगाया गया है।
ईडी ने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को चुनौतियां दी गईं, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई को बरकरार रखा।’’
‘नेशनल हेराल्ड’ एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका स्वामित्व ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ‘यंग इंडियन’ के बहुलांश शेयरधारक हैं और उनमें प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने उनसे घंटों पूछताछ की थी।
ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में पाया गया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कथित ‘‘नियंत्रण वाली’’ एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ ने मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘‘हासिल’’ की, जो कि इसकी कीमत से काफी कम है।
ईडी का आरोप है, ‘‘यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के रूप में अपराध से अर्जित आय के लिए किया गया।’’
भाषा खारी