कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संघर्ष प्रभावित मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया
देवेंद्र अविनाश
- 12 Apr 2025, 10:41 PM
- Updated: 10:41 PM
कोलकाता, 12 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह की स्थिति आने पर वह अपनी आंखें बंद नहीं रख सकता। यह जिला वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों से कथित रूप से जुड़ी हिंसा से प्रभावित है।
अदालत ने कहा कि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से कथित रूप से जुड़ी हिंसक झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई और इस सिलसिले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया।
केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेंगे।
अदालत ने राज्य सरकार और केंद्र दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ का गठन किया था। याचिका में जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती किये जाने का अनुरोध किया गया था।
राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सुती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सात कंपनियां तैनात की गई हैं।
अधिकारी के वकील ने हालांकि आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया जा रहा है।
पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को अवकाश के दिन याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता ने मुर्शिदाबाद में हिंसा और आगजनी की घटनाओं की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने का अनुरोध किया।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने अदालत के समक्ष कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस इससे समुचित तरीके से निपट रही है।
शुभेंदु अधिकारी के अनुरोध का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
बनर्जी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भी मुर्शिदाबाद जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है क्योंकि इसे अधिकारी और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने दायर किया है।
आदेश के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अधिकारी ने न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया कि उसने मामले की सुनवाई अवकाश के दिन की तथा जान-माल की सुरक्षा के लिए निर्देश पारित किए।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (न्यायपालिका) संविधान के अनुसार कार्य कर रही है।’’
राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार रात मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश का स्वागत किया।
राजभवन द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में राज्यपाल ने कहा, ‘‘मुझे मुर्शिदाबाद समेत बंगाल के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती के बारे में बताया गया है। मुझे खुशी है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और सही समय पर उचित निर्णय दिया।’’
बोस ने कहा, ‘‘दंगे की सूचना मिलने के तुरंत बाद, एक राज्यपाल के रूप में, मैंने इसे भारत सरकार और राज्य सरकार के सक्षम अधिकारियों के समक्ष उठाया। मैंने राजनीतिक दलों के विभिन्न सदस्यों के साथ भी स्थिति पर चर्चा की।’’
भाषा
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