वक्फ कानून का विरोध:शुभेंदु ने रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की
राजकुमार संतोष
- 12 Apr 2025, 06:43 PM
- Updated: 06:43 PM
कोलकाता, 12 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ किये जाने की जांच शनिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर भाजपा नेता अधिकारी ने उनका ध्यान वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद जिले में विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर की गई तोड़फोड़ की ओर आकृष्ट किया है।
अधिकारी ने पत्र में कहा, ‘‘मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि तोड़फोड़ की इन घटनाओं की जांच एनआईए को सौंपी जाए।’’
उन्होंने लिखा कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों की संवेदनशील प्रकृति तथा मुर्शिदाबाद जिले के बांग्लादेश सीमा से सटे होने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए एनआईए ऐसी हिंसा की जांच करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
अधिकारी ने पत्र में लिखा, ‘‘इस तरह के कदम से, पर्दे के पीछे से साजिश रचने वाले षड्यंत्रकर्ताओं के असली चेहरे उजागर करने, अपराधियों की पहचान करने तथा भविष्य की घटनाओं के बारे में अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी।’’
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में धुलियानडांगा-निमतिता स्टेशनों के बीच लोगों के एक बड़े समूह द्वारा व्यवधान पैदा करने और तोड़फोड़ करने के कारण शुक्रवार को पूर्वी रेलवे के न्यू फरक्का-अजीमगंज खंड पर लगभग छह घंटे तक ट्रेन सेवाएं बाधित रही थीं।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अशांति पैदा करने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि अब तक 118 गिरफ्तारियां की गई हैं और मुर्शिदाबाद जिले में कुछ स्थानों पर भड़की हिंसा से निपटने के लिए पुलिस ने चार गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोग घायल हुए हैं।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट और अन्य संचार प्रणालियां बंद कर दी गई हैं, जिससे हिंसा पीड़ितों के पास अपनी समस्या बताने का कोई माध्यम नहीं है।
उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध तथा एक विशेष वर्ग के लोगों के घरों, वाहनों और दुकानों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बीच संबंध पर सवाल उठाया।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री मजूमदार ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमें संदेह है कि एक प्रमुख कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन पर्दे के पीछे से इसे भड़का रहा है।’’
पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वह मुर्शिदाबाद की हिंसा के बारे में क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं।
घोष ने कहा, ‘‘अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि जो लोग अस्पतालों, वाहनों और पुलिस चौकियों में तोड़फोड़ करते हैं, उनके सिर में गोली मार देनी चाहिए। ऐसे पुलिस अधिकारी कहां हैं, उन्हें अब स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुर्शिदाबाद भेजा जाना चाहिए।’’
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भाजपा पर ‘‘रात के अंधेरे में संसद में वक्फ विधेयक पारित करने के बाद विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिकता की आग भड़काने’’ का आरोप लगाया।
उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, ‘‘यह भाजपा-आरएसएस की खास चाल है।’’
भाषा
राजकुमार