कांग्रेस के ‘गैर-जिम्मेदार नेताओं को ‘रिटायर’ होने की नसीहत, डीसीसी को संगठन की नींव बनाने का फैसला
हक सुरेश
- 09 Apr 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
(अनवारुल हक)
अहमदाबाद, नौ अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने गुजरात में साबरमती के तट से अपनी सियासी किस्मत संवारने की उम्मीद के साथ अपनी जिला इकाइयों को संगठन की ‘नींव’ बनाने का फैसला किया और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन नेताओं को ‘रिटायर’ होने की नसीहत दी जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं।
पार्टी ने यहां अपने महत्वपूर्ण अधिवेशन से राष्ट्रवाद के मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को घेरते हुए कहा कि ये “छद्म राष्ट्रवाद” वाले हैं जो पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं, जबकि उसका (कांग्रेस का) राष्ट्रवाद ‘त्याग, बलिदान, बहुलतावाद और उदारवाद’ का रास्ता है।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, कार्य समिति के सदस्यों, कई वरिष्ठ नेताओं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के 1700 से अधिक सदस्यों की उपस्थिति में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गये, जिनमें एक राष्ट्रीय मुद्दों और दूसरा गुजरात पर केंद्रित रहा।
अधिवेशन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वक्फ संशोधन अधिनयम को संविधान-विरोधी और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया तथा अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर वह कहां छिपे हुए हैं?
खरगे ने अधिवेशन में दिए अपने संबोधन में अपनी पार्टी में जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों को "रिटायर" हो जाना चाहिए।
उन्होंने पार्टी अधिवेशन को संबोधित करते हुए मतपत्र से चुनाव की पैरवी की और यह आरोप भी लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिससे चुनावों में उसे फायदा और विपक्ष को नुकसान हो रहा है।
खरगे ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए देर रात तक संसद में चर्चा कराती रही, जबकि मणिपुर पर भोर के समय कुछ देर के लिए चर्चा कराई गई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि लोकतंत्र को धीरे धीरे खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ (जवाबी शुल्क) लगाया, लेकिन सरकार ने इस विषय को संसद में उठाने नहीं दिया।
उन्होंने मतदाता सूची में कथित हेरफेर का हवाला देते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जैसी जालसाजी हुई वैसी कभी नहीं हुई। उनका कहना था कि हरियाणा में भी यह छोटे पैमाने पर हुआ।
खरगे ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ना है।
उन्होंने सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमले और विपक्ष शासित राज्यों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में उन्हीं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
खरगे ने कहा, ‘‘संगठन निर्माण में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। इसलिए इनकी नियुक्ति कांग्रेस के दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पक्षता से होनी है।"
उनके अनुसार, जिला अध्यक्ष को अपनी नियुक्ति के एक साल के अंदर बेहतरीन लोगों को जोड़ते हुए बूथ कमेटी, मंडल कमेटी, ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी बनानी है और इसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमने भी देश भर से जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें बुलाईं। राहुल जी और हमने उनसे बात की। उनसे जानकारी ली। हम भविष्य में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करने वाले हैं।’’
उन्होंने ‘‘गैर-जिम्मेदार’’ नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, "साथ में यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बंटाते, उन्हें आराम करने की आवश्यकता है। जो जिम्मेदारी नहीं निभाते उन्हें रिटायर होना चाहिए।’’
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि जिला अध्यक्ष पार्टी की नींव होंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए जवाबी शुल्क (टैरिफ) का हवाला देते हुए दावा किया कि अब आर्थिक तूफान आने वाला है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने यहां पार्टी अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह सवाल भी किया, ‘‘...आखिर प्रधानमंत्री मोदी कहां छिपे हैं?’’
राहुल गांधी ने दावा किया कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता पर हमला और संविधान विरोधी कदम है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले समय में दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।
इस अधिवेशन का विषय "न्याय पथ : संकल्प-समर्पण-संघर्ष’’ है और इसमें ‘न्याय पथ’ नाम से मुख्य प्रस्ताव पारित किया गया। गुजरात में 64 साल के बाद कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
अधिवेशन को खरगे और राहुल के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ और युवा नेताओं ने संबोधित किया।
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने राष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा और लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने इसका अनुमोदन किया।
थरूर ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस को रोष, अतीत और नकारात्मक आलोचना की नहीं, बल्कि आशा, भविष्य और सकारात्मक विमर्श वाला दल होना चाहिए।
अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस का राष्ट्रवाद समाज को जोड़ने का है। भाजपा-आरएसएस का राष्ट्रवाद समाज को तोड़ने का है। कांग्रेस का राष्ट्रवाद भारत की अनेकता को एकता में पिरोने का है। भाजपा-आरएसएस का राष्ट्रवाद भारत की अनेकता में एकता को खत्म करने का है।’’
कांग्रेस ने यह भी कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रवाद देश की साझी विरासत में निहित है और भाजपा-आरएसएस का राष्ट्रवाद पूर्वाग्रह से ग्रस्त है।
मुख्य विपक्षी दल ने गुजरात को लेकर पारित प्रस्ताव में राज्य की जनता से कई वादे किए तथा ‘‘नूतन गुजरात, नूतन कांग्रेस’’ का संकल्प लिया और कहा कि वह तीन दशक के बाद सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक देगी।
इस अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें देश के लिए उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। सिंह का पिछले साल 26 दिसंबर को निधन हो गया था।
कांग्रेस के कई अन्य नेताओं को भी श्रद्धांजलि दी गई जिनका हाल के महीनों में निधन हुआ है।
भाषा हक