भाजपा सांसद ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद नौकरी मुद्दे पर मंत्री के साथ वार्ता रद्द की
राजकुमार नेत्रपाल
- 09 Apr 2025, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
कोलकाता, नौ अप्रैल (भाषा) भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार को राज्य में स्कूल नौकरी संकट पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के साथ अपनी निर्धारित बैठक रद्द कर दी। उन्होंने इसके लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज का हवाला दिया।
गंगोपाध्याय कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे लेकिन वह अब राजनीति में आ गए हैं।
बसु ने मुलाकात का समय निर्धारित करने के बाद भी पूर्व न्यायाधीश के नहीं पहुंचने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने गंगोपाध्याय का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आए।
भाजपा सांसद ने शिक्षा विभाग मुख्यालय विकास भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘योग्य शिक्षकों पर हुए क्रूर लाठीचार्ज के विरोध में मैंने शिक्षा मंत्री के साथ अपनी मुलाकात रद्द कर दी है। सरकार योग्य उम्मीदवारों की सुरक्षा करने में विफल रही है। मुझे मंत्री को एक पत्र सौंपना था, लेकिन मैंने विरोध में उसे फाड़ दिया।’’
गंगोपाध्याय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित एक पत्र बसु को सौंपने वाले थे, जिसमें एक ऐसी समिति गठित करने का पूर्व न्यायाधीश का सुझाव था जो पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बेरोजगार हुए ‘पात्र शिक्षकों’ की नौकरियों को बचाने के लिए एक व्यवस्था (उपाय) खोजने में मदद करेगी।
बसु ने भेंटवार्ता के लिए गंगोपाध्याय के नहीं पहुंचने पर निराशा व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने उनका इंतजार किया। लेकिन मुझे बताया गया कि वह बैठक के लिए नहीं आएंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘दूषित और दागी’ करार दिया था।
इसके फलस्वरूप बेरोजगार हुए लोगों ने दावा किया कि उनकी दुर्दशा का कारण एसएससी की उन उम्मीदवारों के बीच अंतर करने में असमर्थता थी, जिन्होंने धोखाधड़ी के माध्यम से रोजगार हासिल किया और जिन्होंने ऐसा नहीं किया।
गंगोपाध्याय ने कहा कि निर्धारित बैठक संभव नहीं थी, क्योंकि नौकरी गंवाने वाले प्रदर्शनकारी शहर के कस्बा इलाके में स्कूल के जिला निरीक्षक (डीआई) कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे।
गंगोपाध्याय ने कहा कि निर्धारित बैठक तब संभव नहीं थी, जब नौकरी गंवाने वाले प्रदर्शनकारी शहर के कस्बा इलाके में स्कूल के जिला निरीक्षक (डीआई) कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘जब हम एसएससी अध्यक्ष के साथ बैठक कर रहे थे, तो मारपीट करने वाले शिक्षकों के फोन आए। जब राज्य सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार कर रही है, तो शांतिपूर्ण योजना पर चर्चा कैसे हो सकती है?’’
भाषा
राजकुमार