नौकरियां गंवाने वाले शिक्षकों की प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़प
प्रशांत सुरेश
- 09 Apr 2025, 06:16 PM
- Updated: 06:16 PM
कोलकाता, नौ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के परिणामस्वरूप अपनी नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और अन्य गैर-शिक्षण कर्मचारियों के एक वर्ग ने बुधवार को दक्षिण कोलकाता में पश्चिम बंगाल स्कूल विभाग के एक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गयी।
उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहा गया था कि पूरी नियुक्ति प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण थी।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने कसबा इलाके में जिला निरीक्षक (डीआई) कार्यालय के बाहर से उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करने के अलावा लातों से पीटा और धक्का-मुक्की की।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि लाठीचार्ज में उनमें से कुछ लोग घायल हो गये।
राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में वे (पुलिस) अति सक्रिय हैं, जबकि वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर निष्क्रिय।
पुलिस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने डीआई कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया और जबरन परिसर में घुस गए।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण उपनगरीय संभाग) विदिशा कलिता ने संवाददाताओं से कहा, “कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने कहा कि जब वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया।
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देने के साथ ही पूरी चयन प्रक्रिया को ‘त्रुटिपूर्ण तथा विकृत’ बताया है।
कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया पर कहा, “अनियंत्रित भीड़ ने कसबा पुलिस डीआई कार्यालय के बाहर महिला पुलिसकर्मियों सहित पुलिस के जवानों पर अकारण हिंसक हमला कर दिया।”
इसने कहा कि चार पुरुष और दो महिला पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
कोलकाता पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा, “पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने और चोटों तथा संपत्ति की क्षति को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
इसमें कहा गया, “घटना की जांच जारी है।”
नौकरी खोने वाले प्रदर्शनकारी शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि पुलिस बल मंगलवार को मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जान और संपत्ति की रक्षा करने के लिए पर्याप्त सक्रिय नहीं था।
अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में कथित तौर पर पथराव किया गया और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई।
मजूमदार ने कहा, “जब जंगीपुर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो पुलिस निष्क्रिय रहती है, लेकिन शिक्षकों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने के दौरान वह अति सक्रिय हो जाती है।”
भाषा
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