बिम्सटेक देशों के बीच कृषि सहयोग को और मजबूत करने को भारत का उत्कृष्टता केंद्र का प्रस्ताव
राजेश राजेश अजय
- 09 Apr 2025, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
नयी दिल्ली/काठमांडू, नौ अप्रैल (भाषा) भारत ने बुधवार को बिम्सटेक देशों के बीच कृषि सहयोग को और मजबूत करने के लिए नयी दिल्ली में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह, इस क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, पोषण और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन, डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित उभरती प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान और कौशल साझा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
उन्होंने तीसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक (बीएएमएम) को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह केंद्र कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में बिम्सटेक की विभिन्न प्रतिबद्धताओं को समयबद्ध तरीके से हल करने और संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
यह केंद्र सटीक कृषि, जलवायु जोखिम को कम करने, प्राकृतिक खेती, लैंगिक समानता और कृत्रिम मेधा पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि बिम्सटेक के भीतर कृषि सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए चौहान ने कहा कि भारत ने बीज विकास, पशु स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन करके बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) के तहत पहल की है।
भारत बिम्सटेक सदस्य देशों के छात्रों को भारत में एमएससी और पीएचडी करने के लिए पूरी तरह से वित्तपोषित बिम्सटेक छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में क्षमता निर्माण को बढ़ाने की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।’’
चौहान ने कहा कि बिम्सटेक भारत के लिए 'पड़ोसी पहले' और 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' की अपनी प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वाभाविक विकल्प है।
बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) में सात सदस्य देश - बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं जो दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रमुख कृषि योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि भारत किसानों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) को मजबूत करने के लिए कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने को 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक देशों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि बिम्सटेक ‘‘क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और कृषि को टिकाऊ बनाने के हमारे प्रयासों का केंद्र है’’ और उन्होंने इन प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
भाषा राजेश राजेश