कामरा के वीडियो को फिर से साझा करने के मामले में किसी के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं: उच्च न्यायालय
वैभव मनीषा
- 09 Apr 2025, 02:01 PM
- Updated: 02:01 PM
मुंबई, नौ अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के उस वीडियो को फिर से शेयर या अपलोड करने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं की है, जिसमें परोक्ष रूप से उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए ‘गद्दार’ शब्द के साथ कटाक्ष किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की पीठ ने 25 वर्षीय विधि छात्र द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें कामरा और मुंबई के उस होटल के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया था, जहां विवादास्पद कॉमेडी शो की शूटिंग की गई थी।
अदालत ने यह भी कहा कि कामरा ने पहले ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शिवसेना अध्यक्ष शिंदे के खिलाफ अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियों को लेकर मुंबई के एक थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘संबंधित व्यक्ति इस अदालत के समक्ष है। वह गरीब या अनपढ़ नहीं है। आप (वर्तमान जनहित याचिकाकर्ता) उसके मामले की लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं? उसने राहत के लिए कार्रवाई की है।’’
विधि छात्र हर्षवर्धन खांडेकर द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक विचार व्यक्त करने के लिए एक हास्य कलाकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उनके वकील अमित कतरनवावरे ने कहा कि राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी एक पार्टी के कई नेताओं ने शिंदे पर निशाना साधने वाले चुटकुले से जुड़े कामरा के वीडियो को साझा करने या अपलोड करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने पीठ को बताया कि सरकार ने वीडियो साझा करने या अपलोड करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
अदालत ने इस बयान का संज्ञान लिया और कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है जहां राज्य के अधिकारियों ने कामरा (36) द्वारा बनाए गए वीडियो को साझा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई ‘प्रतिशोधपूर्ण’ कार्रवाई की हो, जिन्होंने उसे पिछले महीने खुद अपलोड किया था।
पीठ ने कहा, ‘‘यह भी ध्यान देने योग्य है कि संबंधित व्यक्ति (कामरा) ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए पहले ही इस अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण भी मिल चुका है।’’
शो की शूटिंग वाले स्टूडियो में तोड़फोड़ के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
अदालत ने कहा, ‘‘इसे देखते हुए, हम इस स्तर पर इस जनहित याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए इसका निपटारा किया जाता है।’’
पिछले महीने के अंत में, मुंबई के उस स्टूडियो में तोड़फोड़ करने के आरोप में 12 शिवसेना कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, जहां कामरा के कॉमेडी शो की शूटिंग की गई थी। बाद में उन्हें शहर की एक अदालत ने जमानत दे दी थी।
शो के दौरान, कामरा ने 1997 की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक लोकप्रिय हिंदी गाने के संशोधित संस्करण का उपयोग करते हुए, शिंदे पर बिना उनका नाम लिए तंज कसा था, जिसमें कामरा ने शिंदे के लिए ‘गद्दार’ शब्द कहा था।
हास्य अभिनेता ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले ठाणे में शिंदे के शुरुआती पेशे का उल्लेख किया और जून 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनके विद्रोह का भी संदर्भ दिया था।
प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली कामरा की याचिका पर 16 अप्रैल को सुनवाई होनी है।
भाषा वैभव