कांग्रेस का संकल्प: सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष में ‘हमारे सरदार’ के सिद्धांतों का अनुसरण होगा
हक सुरेश
- 08 Apr 2025, 08:04 PM
- Updated: 08:04 PM
(अनवारुल हक)
अहमदाबाद, आठ अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपने दावे को मजबूती से रखा और कहा कि वह ‘‘हमारे सरदार’’ (वल्लभ भाई पटेल) के सिद्धातों का अनुसरण करते हुए सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करने को तैयार है।
देश के मुख्य विपक्षी दल ने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के रिश्तों को लेकर झूठ फैलाया है, जबकि दोनों के बीच ‘‘अनोखी जुगलबंदी’’ थी तथा दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी की अगुवाई में साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी तथा राष्ट्र का निर्माण किया।
कांग्रेस की यहां 'सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक' पर आयोजित विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पूर्व उप प्रधानमंत्री की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष प्रस्ताव भी पारित किया गया।
प्रस्ताव का शीर्षक ‘‘आजादी के झंडाबरदार - हमारे सरदार - वल्लभभाई पटेल’’ है।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘आज की भाजपा सरकार अंग्रेजों की तरह किसानों की भूमि के उचित मुआवज़ा कानून को खत्म करने का अध्यादेश लाती है, कृषि के तीन क्रूर काले कानून बनाती है, किसानों की राहों में कील और कांटे बिछाती है, किसानों की आय दोगुनी करने तथा एमएसपी गारंटी का वादा करके साफ मुकर जाती है। इसीलिए, एक बार फिर सरदार पटेल की राह पर कांग्रेस किसान के अधिकारों के लिए निर्णायक संर्घष को तैयार है।’’
कांग्रेस ने कहा, ‘‘सरदार पटेल के सशक्त नेतृत्व एवं पंडित नेहरू की दूरदर्शिता ने 560 से अधिक खंड-खंड रियासतों का एकीकरण कर लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी। आज की भाजपा सरकार फिर देश को क्षेत्रवाद, उत्तर बनाम दक्षिण व पूर्व बनाम पश्चिम विवाद तथा भाषाई और सांस्कृतिक बंटवारे के नाम पर खंडित करने की साजिश कर रही है। इसीलिए, एक बार फिर, सरदार पटेल के पथ पर चलकर कांग्रेस ‘नफरत छोड़ो - भारत जोड़ो’ की डगर पर बढ़ते जाने को तैयार है।’’
प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि भाजपा सरकार ने जहां तीन दशकों से गुजरात को लूटा, वहीं देश के खजाने का मुंह मुट्ठीभर दोस्तों की तरफ मोड़कर ‘‘आर्थिक असमानता’’ को गुलामी के स्तर तक पहुंचा दिया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसीलिए, एक बार फिर, देश को आर्थिक गुलामी की तरफ धकेलने वाले चंद दौलतमंदों के सिक्कों की खनक के खिलाफ सरदार पटेल की तर्ज पर संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण के लिए कांग्रेस नए संघर्ष को तैयार है।’’
कांग्रस के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘आजादी के संग्राम में जिन ताकतों ने सत्य-अहिंसा के सिद्धांतों के विरुद्ध दुष्प्रचार किया तथा आजादी के आंदोलन का विरोध किया, उसी हिंसावादी विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की थी। नाथूराम गोडसे उसी विकृत विचारधारा से ग्रसित था। दूसरी ओर, देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री, सरदार पटेल हिंसा व सांप्रदायिक विचारधारा को राष्ट्रहित का दुश्मन मानते थे।’’
इसमें उल्लेख किया गया है कि सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद, 04 फरवरी, 1948 को आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
कांग्रेस ने कहा, ‘‘उसी समय, ऐसी ही हिंसक विचारधारा ने सरदार पटेल और पंडित नेहरू तक पर हमला बोलते हुए, दोनों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ाने की बात कही थी, जिसका जिक्र खुद सरदार पटेल ने 08 फरवरी, 1948 को अपने पत्र में श्यामा प्रसाद मुखर्जी से किया था।’’
उसने दावा किया कि आज फिर, हिंसा और सांप्रदायिकता की यह विचारधारा धर्म का बंटवारा कर देश को नफरत की आंधी में झोंकने की साजिश कर रही है।
कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया, ‘‘इसीलिए, एक बार फिर, सांप्रदायिकता के उन्माद को रोकने वाले लौहपुरुष सरदार पटेल के मजबूत इरादों पर कांग्रेस संघर्ष को तैयार है।’’
विपक्षी दल ने कहा, ‘‘टकराव और विभाजन की इसी विचारधारा ने झूठ, छल और प्रपंच का जाल फैलाया तथा षडयंत्र के तहत सरदार पटेल और पंडित नेहरू के परस्पर विरोधी होने का भ्रम फैलाया। यह भ्रम असल में हमला था, आजादी की लड़ाई पर भी तथा गांधी-नेहरू-पटेल की अगुवाई पर भी।’’
उसका कहना है कि झूठ का यह मकड़जाल टिक नहीं पाया, क्योंकि सरदार पटेल ने स्वयं 03 अगस्त, 1947 को पंडित नेहरु को पत्र लिखा,, ‘‘एक दूसरे के प्रति हमारा जो अनुराग और प्रेम है तथा लगभग 30 वर्ष की हमारी जो अखंड मित्रता है, उसे देखते हुए औपचारिकता का हम दोनों के बीच कोई स्थान नहीं है... हमारी जोड़ी अटूट व अखंड है तथा यही हमारी शक्ति है’’।
कांग्रेस ने कहा, ‘‘आज प्रेम, मिलन और जुड़ाव की इस विचारधारा को सत्ताधारी ताकतें विभाजन और वैमनस्य में बदलने को आतुर हैं। इसीलिए, एक बार फिर, सरदार पटेल के इन्हीं जीवन सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए कांग्रेस वैमनस्य और विभाजन को हराने की लड़ाई के लिए तैयार है।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पटेल से संबंधित विशेष प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रस्ताव से बिल्कुल साफ हो जाएगा कि सरदार पटेल जी और नेहरू जी में कैसी अनोखी जुगलबंदी थी। ये दोनों लोग आधुनिक भारत के निर्माता थे और उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी।’’
रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग सरदार पटेल और नेहरू के रिश्तों के बारे में झूठ फैलाते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि इन दोनों नेताओं का देश के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है।
भाषा हक