जयपुर में आकार ले रहा है अयोध्या के राम मंदिर का दरबार
पृथ्वी रंजन
- 08 Apr 2025, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
जयपुर, आठ अप्रैल (भाषा) अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के रामदरबार में सजने वाली मूर्तियां जयपुर शहर में आकार ले रही हैं। मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में लगभग 20 कारीगरों की एक टीम भगवान राम की मूर्ति को अंतिम रूप दे रही है। इसे अयोध्या नगरी में अगले महीने होने वाले भव्य समारोह में उनके मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
जयपुर में सफेद संगमरमर से बनी लगभग पांच फुट ऊंची यह मूर्ति राम दरबार का हिस्सा है, जिसमें सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी की मूर्तियां भी होंगी। उन्होंने बताया कि मूर्तियों के इस 'सेट' को अयोध्या के विख्यात राम मंदिर की पहली मंजिल पर प्रतिस्थापित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या के प्रतिष्ठित श्री राम मंदिर को पिछले साल एक भव्य समारोह में आम श्रदधालुओं के दर्शनों के लिए खोला गया था।
मंदिर का बाकी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और अधिकारियों का कहना है कि यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा।
यहां मंदिर के परकोटे के लिए भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, माता दुर्गा और मां अन्नपूर्णा की मूर्तियों की नक्काशी भी चल रही है, साथ ही सप्त ऋषि मंदिर के लिए मूर्तियों पर भी काम चल रहा है।
अपने पिता सत्यनारायण पांडे की देखरेख में काम कर रहे प्रशांत पांडे ने कहा,'सभी मूर्तियों का काम अंतिम चरण में हैं। उन्हें अयोध्या में राम मंदिर ले जाया जाएगा। यह हमारे लिए सिर्फ कला नहीं है बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी है।'
उन्होंने कहा, "पत्थर को गढ़ने में लगा हर पल भक्ति से भरा हुआ है। हम सिर्फ मूर्तियां ही नहीं बना रहे बल्कि हम भगवान श्री राम और उनके मूल्यों की कहानी बयान कर रहे हैं। पांडे अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के मूर्तिकार हैं।
उन्होंने कहा कि मूर्तियों की ऊंचाई लगभग 36 से 60 इंच होगी। पांडे ने कहा, "राम दरबार मंदिर का आध्यात्मिक हृदय होगा।"
उनकी टीम के कारीगर जैसे जैसे अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं आस्था, परंपरा और शिल्प कौशल का एक अनूठा संगम रूप निखरकर सामने आ रहा है।
अयोध्या के श्री राम मंदिर में अगले माह प्रस्तावित अभिषेक समारोह प्रतीकात्मक रूप से भगवान राम को 'राजा' के रूप में प्रतिष्ठित करेगा जो मंदिर की आध्यात्मिक कथा को उनके बचपन (जैसा कि राम लला की मूर्ति में देखा गया है) से उनके राजा होने तक ले जाएगा।
भाषा पृथ्वी