एचपीपीसीएल के मृत इंजीनियर के परिजनों ने सरकारी जांच को ‘दिखावा’ करार दिया
यासिर प्रशांत
- 08 Apr 2025, 04:21 PM
- Updated: 04:21 PM
रिकांगपिओ (हिमाचल प्रदेश), आठ अप्रैल (भाषा) हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी का शव मिलने के 20 दिन से अधिक समय बाद उनके परिजन ने मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर उनके साथ विश्वासघात करने और न्याय दिलाने में विफल रहने का आरोप लगाया।
विमल के बड़े भाई सुरेंद्र नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा विधानसभा में दिए गए आश्वासन के बाद उनके परिवार ने 15 दिनों तक धैर्यपूर्वक इंतजार किया, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि जांच महज दिखावा है।
उन्होंने कहा कि परिवार अब न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।
सुरेंद्र नेगी ने अब तक की जांच को ‘राजनीतिक नाटक’ करार दिया।
एचपीपीसीएल के इंजीनियर 10 मार्च को लापता हो गए थे और 18 मार्च को बिलासपुर की एक झील में उनका शव मिला। अगले दिन शिमला में नेगी के शव के साथ उनके रिश्तेदार एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे।
नेगी की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति को पिछले छह महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी प्रताड़ित कर रहे थे और उनके पति के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था जबकि वह बीमार थे फिर भी उन्हें जानबूझकर देर रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
इसके बाद, एचपीपीसीएल के निदेशक (इलेक्ट्रिकल) देश राज और प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और संयुक्त आपराधिक दायित्व का मामला दर्ज किया गया। बाद में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई।
मृत इंजीनियर के परिजनों ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद भी देश राज को शिमला के टूटू में खुलेआम घूमते देखा गया, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं।
अब देश राज को अदालत से अंतरिम राहत मिलने के बाद परिवार ने कहा है कि उन्हें मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर आशंका है। उन्होंने सच सामने लाने के लिए आरोपियों का पॉलीग्राफ (झूठ पकड़ने वाली मशीन) परीक्षण या अन्य वैज्ञानिक जांच कराए जाने की मांग की है।
परिवार ने कहा कि कांग्रेस के कट्टर समर्थक होने के बावजूद वे सरकार और पार्टी के कुछ नेताओं के असंवेदनशील रवैये से हताश और निराश हैं।
परिवार ने बताया कि पांच अप्रैल को किन्नौर में नेगी के लिए न्याय की मांग करते हुए निकाले गए ‘कैंडल मार्च’ में कांग्रेस का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने उन्हें नैतिक समर्थन दिया।
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा आदेशित जांच से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है और नेगी के रिश्तेदार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, सोमवार को सुक्खू ने स्पष्ट किया कि दोनों जांच एक साथ की जा रही हैं और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
भाषा यासिर