बैंकों ने मुद्रा योजना की ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत करीब 25,000 लाभार्थी जोड़े
रमण अजय
- 07 Apr 2025, 06:34 PM
- Updated: 06:34 PM
नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) बैंकों ने वित्त वर्ष 2024-25 के केवल चार महीने में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत लगभग 25,000 लाभार्थियों को जोड़ा है। इसके तहत कर्ज लेने वालों को 20 लाख रुपये तक का ऋण दिया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा अपने पिछले जुलाई के बजट में की थी। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गयी घोषणा के अनुसार, उन उद्यमियों के लिए कर्ज सीमा दोगुनी करके 20 लाख रुपये कर दी गई है, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के तहत पिछले ऋण का लाभ उठाया है और उसे सफलतापूर्वक चुकाया था।
बजट घोषणा के बाद, तरुण प्लस योजना को 25 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित किया गया था।
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने पीएमएमवाई की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केवल चार महीने में 24,557 नये उधारकर्ताओं ने ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत 3,790 करोड़ रुपये का कर्ज लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ अप्रैल, 2015 को पीएमएमवाई की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य योजना से जुड़े वित्तीय संस्थानों के माध्यम से 20 लाख रुपये तक का बिना किसी गारंटी के संस्थागत कर्ज उपलब्ध कराना था।
नागराजू ने कहा कि योजना की शुरुआत से अबतक 33.65 लाख करोड़ रुपये के 52.37 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से लगभग 20 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि 68 प्रतिशत कर्ज महिला उद्यमियों को दिये गये हैं और 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़े वर्ग के लोगों को दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि कर्ज का औसत आकार 40,000 रुपये से बढ़कर 1.05 लाख रुपये हो गया है। यह इस आकार के कर्ज वाला दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
योजना के तहत औसत सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में लगातार गिरावट आ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह घटकर 2.21 प्रतिशत रह गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की विभिन्न पहल के माध्यम से नये उद्यमियों से लेकर मेहनती किसानों तक सभी पक्षों की वित्तीय जरूरतों पर ध्यान दिया जाता है।
पीएमएमवाई के तहत, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थान (एमएफआई) 10 लाख रुपये तक का बिना किसी गारंटी का ऋण देती हैं।
ये ऋण विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय-उत्पादक गतिविधियों और कृषि से जुड़े कार्यों के लिए दिये जाते हैं।
यह योजना छोटे उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत, बैंक तीन श्रेणियों - शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 रुपये से पांच लाख रुपये के बीच) और तरुण (20 लाख रुपये) के तहत ऋण बिना किसी गारंटी के प्रदान करते हैं।
भाषा रमण