मप्र: वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर ईद मनाई गई, फिलिस्तीन के समर्थन में तख्तियां दिखीं
राजकुमार
- 31 Mar 2025, 11:03 PM
- Updated: 11:03 PM
भोपाल, 31 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश में सोमवार को ईद पारंपरिक उत्साह के साथ मनाई गई लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के केंद्र सरकार के कदम के विरोध में काली पट्टी बांधी, जबकि एक स्थान पर कुछ लोगों ने ‘मैं फिलिस्तीन के साथ खड़ा हूं’ तख्तियां दिखायीं।
ईद के जश्न के तहत सुबह से ही यहां मस्जिदों में मुसलमानों की भीड़ उमड़ पड़ी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यहां कई लोग वक्फ अधिनियम संशोधन के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करते देखे गए, जबकि एक मस्जिद में कुछ लोग ‘मैं फिलिस्तीन के साथ खड़ा हूं’ तख्तियां लेकर खड़े थे।
सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए घातक हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमला किया।
इजरायल ने हमास के साथ संघर्षविराम समाप्त कर दिया है और इस महीने के प्रारंभ में आश्चर्यजनक बमबारी के साथ 17 महीने तक चले युद्ध को फिर से शुरू कर दिया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के हमले में 50 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।
संयोग से, 28 मार्च को रमजान के आखिरी शुक्रवार की नमाज में भी भोपाल, विदिशा और कुछ अन्य जगहों पर केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ़ इसी तरह का काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। यह विरोध प्रदर्शन पिछले सप्ताह ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी)’ द्वारा किए गए आह्वान पर किया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में फिर से पेश किया जाएगा।
यह विधेयक अगस्त 2024 में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था।
चार अप्रैल को समाप्त होने जा रहे मौजूदा बजट सत्र में केवल चार कार्य दिवस शेष रह गये हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें जेपीसी द्वारा सुझाए गए बदलावों को शामिल किया गया है।
अब इसे संसद में चर्चा और पारित करने के लिए पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। अगस्त 2024 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किये जाने के बाद इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजा गया था।
संसदीय समिति ने बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। समिति के सभी 11 विपक्षी सांसदों ने असहमति के नोट पेश किए थे। यह रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में सौंपी गई थी।
भाषा दिमो