कर्नल मामला: सेना ने निष्पक्ष जांच का आह्वान किया; पंजाब के डीजीपी ने सेना का सम्मान करने की बात कही
अमित दिलीप
- 25 Mar 2025, 10:31 PM
- Updated: 10:31 PM
चंडीगढ़, 25 मार्च (भाषा) सेना ने कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ के साथ मारपीट मामले में दोषियों को दंडित करने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष जांच का मंगलवार को आह्वान किया।
सेना ने यह भी कहा कि वह मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कर्नल बाठ ने पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों पर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ ने सोमवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने का अनुरोध किया।
उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के तहत निष्पक्ष जांच असंभव है।
सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय चंडीमंदिर के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव के साथ यहां एक संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘हम दोषियों को दंडित करने और व्यवस्था में विश्वास बहाल करने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष और ईमानदार जांच की आवश्यकता पर जोर देते हैं।’’
लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को समय पर और दृष्टांत मूलक तरीके से दंडित किया जाना चाहिए, ताकि इस घटना से माहौल खराब न हो और पंजाब पुलिस तथा सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के बीच लंबे समय से जारी सौहार्द पर असर न पड़े। लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा, ‘‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना इस मामले को तार्किक परिणाम तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’
डीजीपी यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस भारतीय सेना के प्रति अपना सम्मान दोहराती है और सैन्य अधिकारियों की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सेवारत सैन्य अधिकारी के साथ मारपीट करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। डीजीपी ने कहा कि जांच तेजी से पूरी की जाएगी, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके। उन्होंने घटना के बाद पंजाब पुलिस द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बात की, जिसमें पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय विशेष जांच दल का गठन करना शामिल है।
कर्नल बाठ ने जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की है। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस के अधीन निष्पक्ष जांच असंभव है।
पंजाब पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्नल बाठ के बयान के आधार पर एक नयी प्राथमिकी दर्ज की थी। ‘‘निष्पक्ष और त्वरित तरीके से’’ जांच करने के लिए एक उच्च-स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
सभी 12 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
कर्नल बाठ ने उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उन पर और उनके बेटे पर 13 और 14 मार्च की दरमियानी रात को पटियाला में "क्रूरतापूर्वक" हमला किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा कि सेवारत कर्नल बाठ के साथ पटियाला में एक ढाबे के बाहर पंजाब के कुछ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। उन्होंने बताया कि सेना को घटना की जानकारी 15 मार्च को दी गई थी और तब से इस मुद्दे से राज्य और जिला स्तर पर तत्परता से निपटा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारी को सिविल अस्पताल से सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था और उसके बाद उनका चंडीमंदिर के कमान अस्पताल में इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि वह अब चोटों से उबर रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा, ‘‘इस मामले को राज्य प्रशासन और पंजाब पुलिस के उच्चतम स्तर के समक्ष शीघ्र जांच और न्याय प्रदान करने के लिए बहुत जोरदार तरीके से उठाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने अपने कर्मियों की ओर से की गई अवांछनीय कृत्य पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इसमें शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली है और उन्हें तत्काल निलंबित करने के साथ ही पटियाला से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद, कर्नल बाठ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 22 मार्च को पटियाला के सिविल लाइंस पुलिस थाने में बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि अब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल द्वारा जांच की जा रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना है।
लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने कहा कि डीजीपी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने भारतीय सेना और उसके कर्मियों के प्रति अपना गहरा सम्मान दोहराया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया के माध्यम से सेवारत अधिकारियों, सम्मानित भूतपूर्व कर्मियों और आम जनता को आश्वस्त करता हूं कि कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं, जिनके साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। हालांकि, मैं सभी वर्गों से शांत रहने का आग्रह करता हूं।’’
पंजाब के डीजीपी ने ‘‘सेवारत सैन्य अधिकारी पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण घटना" करार दिया और कहा कि इससे कानून के अनुसार निपटा जाएगा।
डीजीपी ने कहा, ‘‘मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्थिति की आलोचना न करें या मौजूदा स्थिति को सेना बनाम पुलिस का मामला न बनाएं। सेना और पंजाब पुलिस राष्ट्रीय हित के लिए मिलकर काम करने के अपने संकल्प में एकजुट हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 13-14 मार्च की रात को कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा एक सैन्य अधिकारी पर हमला करने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आने के बाद सेना की पश्चिमी कमान, चंडीमंदिर के अधिकारियों को उनकी सक्रियता तथा पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के साथ निरंतर समन्वय और संपर्क बनाए रखने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।’’
डीजीपी ने कहा, ‘‘सेना के प्राधिकारियों और असैन्य प्रशासन के बीच निरंतर संपर्क से मामले का शीघ्र समाधान करने और पीड़ित सैन्य अधिकारी के लिये न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिली है।’’
पंजाब के डीजीपी ने कहा, ‘‘...बाईस मार्च को कर्नल के बयान पर पटियाला के सिविल लाइंस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
उन्होंने कहा कि कर्नल बाठ के बयान में उन पुलिस अधिकारियों के नाम हैं, जिन्होंने उनके साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और तेजी से जांच करने के लिए एक उच्च-स्तरीय एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को साक्ष्य एकत्र करने और आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए दिन-प्रतिदिन आधार पर जांच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों के खिलाफ कानून के दायरे में कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने कहा कि एसआईटी को जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
भाषा अमित