वित्त विधेयक 2025 अभूतपूर्व कर राहत देने वाला, कर संग्रह लक्ष्य यथार्थवादीः सीतारमण
प्रेम अजय
- 25 Mar 2025, 07:19 PM
- Updated: 07:19 PM
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2025 को अभूतपूर्व कर राहत देने वाला बताते हुए मंगलवार को कहा कि व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14 प्रतिशत की वृद्धि का ‘यथार्थवादी’ अनुमान ठोस आंकड़ों पर आधारित है।
सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2025 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट में सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए घोषित कदम विनिर्माण इकाइयों एवं घरेलू मूल्य संवर्धन का समर्थन करेंगे, निर्यात को बढ़ावा देंगे, व्यापार को सुविधाजनक बनाएंगे और आम लोगों को भी राहत प्रदान करेंगे।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी को पेश किए गए बजट में सरकार ने आयकर छूट को पहले के सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया। आयकर छूट में बढ़ोतरी से अगले वित्त वर्ष में करीब एक लाख करोड़ रुपये का कर माफ होगा।
सीतारमण ने कहा कि बजट में 12 लाख रुपये प्रति वर्ष से थोड़ी अधिक आय वाले करदाताओं के लिए भी आयकर कानून के तहत ‘मामूली राहत’ दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त विधेयक करदाताओं को सम्मानित करने के लिए अभूतपूर्व कर राहत देता है। हमने मध्यम वर्ग के योगदान को मान्यता दी है।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में काफी उछाल आया है और यह सालाना लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह 13.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 12.2 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह 12.2 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 13.6 लाख रुपये होने जा रहे हैं और यह एक निहायत ही यथार्थवादी गणना है।’’
एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर राजस्व में 13.14 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान है। इसमें आयकर राहत से आई एक लाख करोड़ रुपये की कमी के बाद सात प्रतिशत की गिरावट को भी शामिल किया गया है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘इसलिए, 2025-26 के लिए आयकर का अनुमानित संग्रह ठोस आंकड़ों पर आधारित है।’’
ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाले छह प्रतिशत समानीकरण कर को हटाने के लिए संशोधन किए जाने पर सीतारमण ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों में अनिश्चितता दूर करने के लिए किया गया।
सीमा शुल्क की दरों को युक्तिसंगत बनाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और कच्चे माल एवं उत्पादन सामग्री पर शुल्क कम करके निर्यात की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाना है, जिससे घरेलू उत्पाद अधिक लागत प्रभावी बनेंगे।
सीमा शुल्क दर संरचना की व्यापक समीक्षा के बारे में जुलाई, 2024 के बजट में की गई घोषणा को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय बजट 2025-26 में औद्योगिक वस्तुओं के लिए सात सीमा शुल्क दरों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है।
सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए संचालित दो चरणों में यह संख्या 21 से घटाकर आठ पर लाई जा चुकी है जिसमें ‘शून्य’ दर वाली वस्तुएं भी शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा, ‘‘आयातित उत्पादन सामग्री की लागत कम होने से कई भारतीय निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि कर विभाग ने एक अभियान चलाकर करदाताओं से अपनी विदेशी आय और संपत्ति का स्वेच्छा से खुलासा करने को कहा। इस क्रम में लगभग 19,501 चुनिंदा करदाताओं को एसएमएस और ई-मेल भेजकर अपने आयकर रिटर्न की समीक्षा करने के लिए कहा गया। इनमें से 11,162 करदाताओं ने अपने रिटर्न को संशोधित किया और विदेशी संपत्ति वाला फॉर्म भरकर 11,259.29 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति घोषित की।
सीतारमण ने कहा कि इससे पैदा हुए प्रभाव के चलते अन्य करदाताओं ने भी विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने वाले रिटर्न दाखिल किए। इससे कुल 30,161 करदाताओं ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089 करोड़ रुपये की विदेशी आय की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने नरेन्द्र मोदी सरकार को कर्मचारी और पेंशनभोगी मुद्दों के प्रति सहानुभूति रखने वाली सरकार बताते हुए कहा कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग से पहले और बाद के पेंशनभोगियों के बीच पूर्ण समानता लागू की गई है।
उन्होंने संशोधन के संबंध में कहा कि सरकार ने पेंशन निर्धारण के तरीके की मार्च, 2008 की स्थिति को बहाल कर दिया है जिसकी सिफारिश छठे केंद्रीय वेतन आयोग ने की थी।
वित्त मंत्री ने स्थिति को बहाल करने में हुई 16 साल की देरी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘कई अदालती मामले चल रहे थे। हमें फैसले आने का इंतजार करना पड़ा। अब फैसले आ चुके हैं। हम 2008 में लिए गए फैसले का सम्मान करने जा रहे हैं।’’’
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