गैंगस्टर भगवानपुरिया हिरासत में, बठिंडा से असम जेल में भेजा गया
राजकुमार नरेश
- 23 Mar 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
चंडीगढ़, 23 मार्च (भाषा) कुख्यात गैंगस्टर और ड्रग माफिया जग्गू भगवानपुरिया को रविवार को मादक पदार्थ निरोधक कानून के तहत हिरासत में लिया गया और पंजाब से असम की जेल में ले जाया गया। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने यह जानकारी दी।
भगवानपुरिया पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोपी है।
ब्यूरो ने बताया कि स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के ‘अवैध व्यापार के रोकथाम’ प्रावधान (पीआईटी-एनडीपीएस) के तहत गैंगस्टर भगवानपुरिया को हिरासत में लिया गया।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो भगवानपुरिया को पंजाब के बठिंडा की जेल से असम के सिलचर की केंद्रीय जेल ले गया। इस काम में पंजाब पुलिस ने एनसीबी की मदद की।
एनसीबी अधिकारियों ने गैस्टर भगवानपुरिया को अपनी हिरासत में लिया जो मूसेवाला हत्याकांड के सिलसिले में पंजाब पुलिस की हिरासत में था। वे उसे विमान से चंडीगढ़ से दिल्ली और कोलकाता होते हुए सिलचर लेकर गए।
एनसीबी का कहना है कि जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया पंजाब के गुरदासपुर जिले का मूल निवासी है और उसके खिलाफ 128 आपराधिक मामलों में जांच चल रही है।
ब्यूरो ने एक बयान में कहा, ‘‘वह 2012 से अब तक 128 मामलों में शामिल है, जिसमें हाई-प्रोफाइल हत्या के मामले, जबरन वसूली, हथियार कानून और एनडीपीएस अधिनियम के तहत 12 मामले शामिल हैं। जग्गू भगवानपुरिया सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में भी आरोपी है। उसके आपराधिक नेटवर्क ने हेरोइन, अफीम, नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी में मदद की।’’
इस बयान में यह भी कहा गया है कि भगवानपुरिया ने पंजाब की उच्च सुरक्षा वाली जेलों के भीतर से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बार-बार मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया है, ‘‘जैसा कि कई मामलों से पता चलता है।’’
एनसीबी ने कहा कि भगवानपुरिया को इसलिए पंजाब से बाहर भेज दिया गया क्योंकि उसने कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय गुर्गों के साथ ‘संबंध स्थापित’ कर लिए थे।
उसने कहा कि उसे अनुकूल माहौल से दूर रखने के लिए अन्यत्र ले जाना जरूरी था।
बलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला हवेलियां, अक्षय छाबड़ा और जसपाल सिंह उर्फ गोल्डी जैसे अपराधियों को भी पिछले छह महीनों में पंजाब की जेलों से असम के डिब्रूगढ़ की केंद्रीय जेल में स्थानांतरित किया गया है। ये भी सलाखों के पीछे होने के बावजूद अपनी नापाक गतिविधियां जारी रखे हुए थे।
भाषा
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