एनआईए ने चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला मामले में चार खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया
आशीष देवेंद्र
- 23 Mar 2025, 08:08 PM
- Updated: 08:08 PM
नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सितंबर 2024 के चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी संगठन के चार आतंकियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। एक अधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि आरोपियों में पाकिस्तान में रह रहा आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका में रह रहा हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासी शामिल हैं।
चंडीगढ़ स्थित विशेष एनआईए अदालत के समक्ष दाखिल आरोप-पत्र में, सभी चार आरोपियों पर हमले की साजिश रचने और उसे सहयोग देने में उनकी भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अन्य संबंधित प्रावधानों की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एनआईए द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दो आतंकवादियों रिंदा और हैप्पी पासी हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे। इसमें कहा गया है कि उन्होंने ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के लिए चंडीगढ़ में गिरोह से जुड़े सदस्यों को रसद सहायता, आतंकी वित्तपोषण, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था।
बयान में कहा गया है कि सितंबर 2024 के हमले का उद्देश्य पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को निशाना बनाना था, जिनके बारे में हमलावरों का मानना था कि वह उस घर में रहते थे।
इसमें कहा गया है कि जांच से पता चला कि रिंदा ने हैप्पी पासी के साथ मिलकर ग्रेनेड हमले के माध्यम से कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों और आम जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश रची थी, जिसका व्यापक उद्देश्य बीकेआई के आतंकवादी एजेंडे को बढ़ावा देना था।
जांच एजेंसी ने कहा कि उन्होंने रोहन मसीह और विशाल मसीह नामक स्थानीय आतंकियों की भर्ती की थी, जिन्हें उनके सीधे निर्देश पर हमला करने का काम सौंपा गया था।
बयान के अनुसार जांच में पता चला कि रिंदा और हैप्पी ने अन्य आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को ग्रेनेड फेंकने से पहले लक्ष्य पर दो बार निगरानी रखने का निर्देश दिया था।
इसके अनुसार मामले की जांच जारी है और एनआईए बीकेआई आतंकवादी समूह के अन्य सदस्यों का पता लगाने और भारत में उसके नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
भाषा आशीष