धामी ने दूसरे कार्यकाल के तीन साल होने पर ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश किया, अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
देवेंद्र पारुल
- 22 Mar 2025, 07:52 PM
- Updated: 07:52 PM
देहरादून, 22 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने दूसरे कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन, सख्त धर्मांतरण रोधी कानूनों और अवैध मजारों तथा मदरसों पर कार्रवाई को अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में गिनाया।
राज्य सरकार के प्रदर्शन पर ‘‘रिपोर्ट कार्ड’’ जारी करते हुए धामी ने कहा कि जनसांख्यिकी परिवर्तन उनकी सरकार के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए अतिक्रमण हटाने और सत्यापन अभियान जैसी कार्रवाई जारी रखेगी।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने उन मुद्दों को निपटाया है, जिन्हें पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था।
धामी ने 23 मार्च 2022 को लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पूरे राज्य में अवैध मजारें, निर्माण और मदरसे एक बड़ी समस्या हैं। हम इनके खिलाफ अभियान चला रहे हैं और जब तक उत्तराखंड पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता, तब तक कार्रवाई जारी रहेगी। हम किसी भी अवैध चीज के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘चाहे वह भूमि जिहाद, लव जिहाद या थूक जिहाद का मामला हो, हम ऐसे मामलों में कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटे हैं। साथ ही, हमने इसे किसी समुदाय से नहीं जोड़ा।’’
धामी ने कहा कि उनकी सरकार अगले दशक में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी कर रही है और उन्होंने सभी विभागों को तीन से पांच योजनाएं प्रस्तावित करने का निर्देश दिया है, जो परिवर्तनकारी हो सकती हैं।
धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है, जिससे यात्रा का समय 2.5 घंटे तक कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के परामर्श से एक्सप्रेसवे से जुड़ी एक रिंग रोड की योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में कुछ सबसे बुरी आपदाएं आईं और हर बार उन्होंने आपदा स्थल तक पहुंचने तथा प्रभावित लोगों के बीच जाने में कोई देरी नहीं की।
धामी ने 2023 में सिल्क्यारा सुरंग ढहने की घटना का उदाहरण दिया, जिसमें फंसे हुए सभी 41 मजदूरों को 17 दिन तक चले बहु-एजेंसी बचाव अभियान के बाद जीवित बचा लिया गया था।
उन्होंने पिछले वर्ष की केदार घाटी आपदा का भी जिक्र किया, जिसमें लाखों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था और हाल में माणा गांव में बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) शिविर क्षेत्र में हुए हिमस्खलन का भी उदाहरण दिया, जिसमें प्रभावित 54 मजदूरों में से 46 लोगों को बचा लिया गया था।
धामी ने कहा कि शांतिप्रिय राज्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए दंगा-फसाद के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद उत्तराखंड इस साल 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में उत्तराखंड की महिलाएं प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
धामी ने कहा कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के तहत उत्तराखंड के गांवों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों और उनकी प्रभावशाली पैकेजिंग को देश-विदेश में मान्यता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जो उनके सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
धामी ने कहा कि 2023 में देहरादून में आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में 3.55 लाख करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें से 80 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो चुका है।
निवेश को महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन होगा।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने से रोकने के लिए देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून बनाया है और भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल में शामिल 100 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे डाला गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों में भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता के प्रति विश्वास पैदा हुआ है, जो अपनी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने राज्य के मामलों के प्रबंधन में लगातार मार्गदर्शन और समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हाल ही में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिससे तीर्थयात्रियों, खासकर बुजुर्गों के लिए यात्रा अत्यंत सुविधाजनक हो जाएगी।
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