धामी ने दूसरे कार्यकाल के तीन साल होने पर पेश किया ‘रिपोर्ट कार्ड’, अपनी सरकार की उपलब्धियां बताईं
नेत्रपाल रंजन
- 22 Mar 2025, 05:53 PM
- Updated: 05:53 PM
देहरादून, 22 मार्च (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार को राज्य में जनसांख्यिकी परिवर्तन से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे के समाधान के लिए अतिक्रमण हटाने और सत्यापन अभियान जैसी कार्रवाई जारी रखेंगे।
अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्षों में राज्य सरकार के प्रदर्शन पर ‘‘रिपोर्ट कार्ड’’ देते हुए उन्होंने स्वतंत्र भारत में सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन, धर्मांतरण रोधी और धोखाधड़ी रोधी कठोर कानूनों की शुरुआत और ‘‘मजारों तथा मदरसों’’ के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को अपनी सरकार की मुख्य उपलब्धियों में से एक बताया।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने उन मुद्दों को निपटाया है जिन्हें पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था।
वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह भूमि जिहाद, लव जिहाद या थूक जिहाद का मामला हो, हम ऐसे मामलों में कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटे हैं। साथ ही, हमने इसे किसी समुदाय से नहीं जोड़ा।’’
धामी ने कहा, ‘‘अतिक्रमित भूमि पर बनी मजारों और अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई तब तक जारी रहेगी, जब तक उत्तराखंड पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता। हम किसी भी अवैध चीज के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि शांतिप्रिय राज्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए दंगा-फसाद के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड इस वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
धामी ने 23 मार्च 2022 को लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में कुछ सबसे बुरी आपदाएं आईं और हर बार उन्होंने आपदा स्थल तक पहुंचने तथा प्रभावित लोगों के बीच जाने में कोई देरी नहीं की।
धामी ने 2023 में सिल्क्यारा सुरंग ढहने की घटना का उदाहरण दिया जिसमें फंसे हुए सभी 41 मजदूरों को 17 दिन तक चले बहु-एजेंसी बचाव अभियान के बाद जीवित बचा लिया गया था।
उन्होंने पिछले वर्ष की केदार घाटी आपदा का भी उल्लेख किया जिसमें लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था तथा हाल ही में माणा गांव में बीआरओ शिविर क्षेत्र में हुए हिमस्खलन का भी उदाहरण दिया जिसमें कुल 54 मजदूरों में से 46 लोगों को बचा लिया गया था।
धामी ने कहा कि उन्होंने मुख्य विभागों से चुनौतियों से निपटने और अगले दस वर्षों में राज्य की विकास क्षमता को साकार करने के लिए परिवर्तनकारी योजनाएं लाने को कहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में उत्तराखंड की महिलाएं प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
धामी ने कहा कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज़’ ब्रांड के तहत उत्तराखंड के गांवों की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों और उनकी प्रभावशाली पैकेजिंग को देश-विदेश में मान्यता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है जो उनके सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मोदी ने कहा कि 2023 में देहरादून में आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में 3.55 लाख करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें से 80 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो चुका है।
निवेश को महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन होगा।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से रोकने के लिए देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून बनाया है तथा भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल में शामिल 100 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे डाला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों में भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता के प्रति विश्वास पैदा हुआ है, जो अपनी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने राज्य के मामलों के प्रबंधन में निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा हाल ही में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दिए जाने से तीर्थयात्रियों, विशेषकर बुजुर्गों के लिए यात्रा अत्यंत सुविधाजनक हो जाएगी।
भाषा नेत्रपाल