भारतीय निर्वासितों के साथ व्यवहार पर अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया गया : सरकार
सुभाष अविनाश
- 21 Mar 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पांच फरवरी को एक विमान से देश में पहुंचे निर्वासित भारतीयों के साथ किये गए व्यवहार को लेकर भारत ने अमेरिका के समक्ष ‘‘कड़ा विरोध’’ दर्ज कराया है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार ने विदेश मंत्रालय को बताया है कि तीन उड़ानों (जो क्रमशः 5, 15 और 16 फरवरी को भारत पहुंचीं) में सवार लोगों को सिर से पगड़ी या धार्मिक टोपी आदि उतारने का निर्देश नहीं दिया गया था। साथ ही, उड़ानों के दौरान उनमें सवार लोगों ने शाकाहारी भोजन के अनुरोध के अलावा धर्म से जुड़ी कोई भी सुविधा प्रदान करने का अनुरोध नहीं किया था।’’
विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि उसने निर्वासित लोगों की धार्मिक संवेदनशीलता और भोजन संबंधी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने की आवश्यकता के संबंध में भी अपनी चिंताएं दर्ज कराई हैं।
सिंह ने कहा कि अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन के दौरान उनके साथ मानवीय व्यवहार के संबंध में विदेश मंत्रालय अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय ने 5 फरवरी 2025 को उतरने वाली उड़ान में निर्वासितों के साथ किये गए व्यवहार, विशेषकर महिलाओं को बेड़ियों में जकड़ने के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताओं को दृढ़ता से दर्ज कराया है।’’
मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 388 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है।
इनमें से 333 भारतीयों को फरवरी में तीन अलग-अलग उड़ानों से सीधे अमेरिका से भारत निर्वासित किया गया।
विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा गया था कि क्या अमेरिका द्वारा अवैध अप्रवासी घोषित किए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘‘अपना विमान भेजने’’ की सरकार की कोई योजना है?
सिंह ने कहा कि फरवरी में प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) की अमेरिका यात्रा के दौरान, अवैध अप्रवासी नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए सुरक्षित, व्यवस्थित और कानूनन प्रवास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई थी।
भाषा सुभाष