साकेत गोखले के भाषण के बाद गृह मंत्री को उबरने के लिए एक दिन चाहिए था : डोला सेन
माधव नरेश
- 20 Mar 2025, 06:32 PM
- Updated: 06:32 PM
नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) राज्यसभा की कार्यवाही बृहस्पतिवार को किसी कामकाज के बिना स्थगित किए जाने के बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने बृहस्पतिवार को चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी के साकेत गोखले द्वारा बुधवार को उच्च सदन में दिए गए भाषण के बाद संभवत: गृह मंत्री अमित शाह को उबरने के लिए एक दिन चाहिए था।
द्रमुक सदस्यों द्वारा परिसीमन के विरुद्ध नारे लिखी टीशर्ट पहन कर आने के बीच उच्च सदन की कार्यवाही आज कई बार स्थगित की गयी और कोई कामकाज नहीं हो पाया। दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
बुधवार को उच्च सदन में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई थी। चर्चा की शुरुआत करते हुए गोखले ने गृह मंत्री और उनके मंत्रालय पर तीखी टिप्पणी की। उनके भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने काफी टोका-टोकी की। भाषण के बीच स्वयं गृह मंत्री शाह, सदन के नेता जेपी नड्डा तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने हस्तक्षेप करते हुए गोखले की टिप्पणियों की आलोचना की।
गृह मंत्रालय के कामकाज पर तृणमूल की ओर से बोलने वाली दूसरी वक्ता डोला सेन हैं जिन्हें बृहस्पतिवार को बोलना था किंतु सदन में आज कोई कामकाज नहीं हो पाने के कारण उनका भाषण नहीं हो सका।
सेन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अपने भाषण के साथ तैयार थी जिसमें गृह मंत्रालय की सात विफलताओं को उजागर किया जाना था। किंतु हो सकता है कि साकेत गोखले के बुधवार के भाषण के बाद अमित शाह को उबरने के लिए एक दिन का समय चाहिए था।’’
तृणमूल सांसद की बात से सहमति जताते हुए शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस तरह से बुधवार को साकेत गोखले बोले, गृह मंत्री इतने नाराज हो गये कि उन्हें उबरने के लिए एक दिन की जरूरत थी, यही कारण था कि सदन को बार बार स्थगित किया गया।’’
उन्होंने कहा कि गोखले के भाषण की विपक्ष के कई सांसदों ने सराहना की।
गृह मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में चर्चा के दौरान गोखले ने शाह पर यह कहते हुए निशाना साधा कि उनके प्रश्न पूछने से पहले ही लगता है शाह डर गये हैं। गृह मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके डरने का प्रश्न ही नहीं उठता क्योंकि लोगों ने उन्हें सात बार निर्वाचित करके भेजा है और वह किसी की कृपा के कारण सदन में नहीं हैं।
भाषा माधव