नागपुर हिंसा : विहिप और बजरंग दल के आठ कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया, जमानत पर रिहा
पारुल देवेंद्र
- 19 Mar 2025, 09:41 PM
- Updated: 09:41 PM
नागपुर, 19 मार्च (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के उन आठ पदाधिकारियों ने बुधवार को नागपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिनके खिलाफ शहर में दो दिन पहले भड़की हिंसा के सिलसिले में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और अवैध विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने के आरोपों की जांच की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आठों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें जमानत दे दी।
अधिकारी के मुताबिक, पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले आरोपियों की पहचान अमोल ठाकरे, मंत्री (नागपुर शहर), विहिप; लखन कुरील, गोरक्ष प्रमुख, विदर्भ प्रांत; मुकेश बारपात्रे, अध्यक्ष (मध्य नागपुर), विहिप ; ऋषभ अरखेल, सह-संयोजक (विदर्भ), बजरंग दल; शुभम अरखेल, सह-संयोजक (नागपुर शहर), बजरंग दल; सुशील चौरसिया, विहिप कार्यकर्ता; रामचरण दुबे और कमल हरयानी, संयोजक (नागपुर शहर), बजरंग दल के रूप में की गई है।
अधिकारी ने बताया कि कोतवाली पुलिस ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को नागपुर शहर में विरोध-प्रदर्शन आयोजित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारी के अनुसार, गणेशपेठ पुलिस थाने में भी विहिप के महाराष्ट्र और गोवा के प्रभारी सचिव गोविंद शेंदे और अन्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, शेंदे को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि आठों आरोपियों ने दोपहर में कोतवाली थाने में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब तक 1,200 लोगों के खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज की हैं और 54 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विहिप और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान आयत वाली चादर जलाए जाने की अफवाहों के बीच हिंसक भीड़ ने सोमवार रात को मध्य नागपुर के कई इलाकों में उत्पात मचाया।
तलाशी अभियान के बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और नागपुर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान आयत वाली चादर जलाए जाने की खबरों का खंडन किया था। उन्होंने मंगलवार को कहा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी, क्योंकि भीड़ ने कुछ खास घरों को निशाना बनाया था।
भाषा पारुल