केंद्र के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर लौट रहे कई किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया
धीरज देवेंद्र
- 19 Mar 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, 19 मार्च (भाषा) केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू सीमा स्थित विरोध स्थल की ओर लौट रहे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित 12 से अधिक किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने बुधवार शाम मोहाली में हिरासत में ले लिया। एक किसान नेता ने यह दावा किया।
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने यह भी आशंका जताई कि पंजाब पुलिस शंभू और खनौरी सीमा आंदोलन स्थलों से किसानों को हटा सकती है, जहां फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए डेरा डाले हुए हैं।
हिरासत में लिए जाने के बाद खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जहां किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए और पुलिस को उन्हें हटाने से रोकने के लिए अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़क पर खड़ी कर दीं।
किसानों को मोहाली में उस समय हिरासत में लिया गया जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक से लौट रहे थे।
मंगत ने दावा किया कि किसानों को उनके गंतव्य की ओर जाने से रोकने के लिए मोहाली में बड़े पैमान पर अवरोधक लगाए गए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की तरफ से शहर में प्रवेश करते ही उन्हें मोहाली में हिरासत में ले लिया गया।
तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक बेनतीजा रही और कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी।
चौहान ने बैठक के बाद कहा, ‘‘वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को होगी।’’
पुलिस की इस कार्रवाई को पंजाब के उद्योगपतियों में व्याप्त बेचैनी के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिन्होंने शंभू और खनौरी सीमा चौकियों के बंद होने के कारण हुए भारी नुकसान को रेखांकित किया है।
किसान नेता मंगत ने कहा कि पंधेर और डल्लेवाल के अलावा अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को हिरासत में लिया गया है। ऐसी खबरें हैं कि दोनों विरोध स्थलों के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
कुछ किसानों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की।
विभिन्न जिलों से पुलिसकर्मियों को शंभू और खनौरी सीमा चौकियों के पास तैनात किया गया है, जहां संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पिछले साल फरवरी से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों ने बताया कि प्रदर्शन स्थलों के नजदीक एम्बुलेंस, बसें, अग्निशमन और दंगा रोधी वाहन तैनात किए गए हैं।
किसानों ने खनौरी सीमा पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस द्वारा किसानों को हटाए जाने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों ने अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़क पर खड़ी कर दी हैं।
चंडीगढ़ में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि शंभू और खनौरी सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि पुलिस किसी भी समय प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल से हटा सकती है।
प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद साल 13 फरवरी 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
कई विपक्षी नेताओं ने किसानों को हिरासत में लेने की पुलिस कार्रवाई को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने किसान नेताओं की हिरासत को कृषि क्षेत्र पर ‘हमला’ करार दिया और पुलिस की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद अलोकतांत्रिक और अतार्किक कार्रवाई है और किसान नेताओं के साथ विश्वासघात है। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कहा कि अगली बैठक चार मई को होगी।’’
चीमा ने कहा, ‘‘इसलिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह बताना चाहिए कि बैठक के बाद क्या हुआ और नेताओं को उनके स्थानों पर वापस जाते समय तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश किसने दिए? राज्य सरकार ने दिल्ली में अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए किसान नेताओं की पीठ में छुरा घोंपा है। ऐसा करके भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इससे यह उजागर हो गया है कि केंद्र सरकार और भगवंत मान सरकार एक-दूसरे के साथ मिली हुई हैं। शिअद ने बिना देरी किए सभी किसान नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की है।’’
भाषा धीरज