शिअद नेताओं के साथ बैठक के बाद हरजिंदर धामी ने एसजीपीसी का अध्यक्ष बने रहने पर सहमति जताई
प्रीति रंजन
- 18 Mar 2025, 07:40 PM
- Updated: 07:40 PM
होशियारपुर (पंजाब), 18 मार्च (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की कार्यकारी समिति द्वारा शीर्ष गुरुद्वारा निकाय के अध्यक्ष पद से हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा नामंजूर किए जाने के एक दिन बाद वह (धामी) मंगलवार को एसजीपीसी प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों को पुन: निभाने पर सहमत हो गए हैं।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने धामी से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया, जिसके बाद धामी ने उनके आग्रह को स्वीकार कर लिया।
एसजीपीसी की कार्यकारी समिति ने शीर्ष गुरुद्वारा निकाय के अध्यक्ष पद से हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे को सोमवार को अस्वीकार कर दिया था और उनसे तुरंत कार्यभार संभालने की अपील की थी।
धामी ने होशियारपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह एक या दो दिन में एसजीपीसी के अध्यक्ष पद का कार्यभार पुन: संभाल लेंगे।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के सदस्य, ‘सिंह साहिबान’ और अकाली दल के नेताओं ने उनसे (धामी) से इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया।
धामी ने बताया कि एसजीपीसी की कार्यकारी समिति ने सोमवार को पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सुखबीर बादल, बलविंदर सिंह भूंदड़, जनमेजा सिंह सेखों और एसजीपीसी के कई सदस्य सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं और मैं पंथ की सेवा में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करूंगा।’’
इससे पहले, शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष भूंदड़ ने धामी को एक ईमानदार और सक्षम नेता करार देते हुए उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने और एसजीपीसी अध्यक्ष के रूप में पुन: कार्यभार संभालने का आग्रह किया था।
बादल ने धामी के फैसले का स्वागत किया और पार्टी तथा सिख समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘‘धामी साहब और उनके परिवार के जैसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले बहुत कम लोग हैं। ऐसे समय में जब सिख समुदाय गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है तब हमारे बीच एकता होना बहुत जरूरी है। हमारी ताकत हमारे गुरुद्वारों और तख्तों से आती है। सिख समुदाय को एकजुट होना चाहिए।’’
बादल ने धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में एसजीपीसी ने प्रभावी ढंग से काम किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘धामी पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी की सेवा में समर्पित किया है। मैं सिख संगत की भावनाओं का सम्मान करने और अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए उनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं।’’
भाषा प्रीति