विधानसभा में मंत्रियों की अनुपस्थिति सरकार की गरिमा को कमतर करती है : कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष
धीरज सुभाष
- 18 Mar 2025, 06:22 PM
- Updated: 06:22 PM
बेंगलुरु, 18 मार्च (भाषा) कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यू टी खादर ने मंगलवार को सदन में मंत्रियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सरकार की गरिमा को कमतर करती है।
उन्होंने जानना चाहा कि अगर मंत्री विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो सकते और समय पर चर्चा में हिस्सा नहीं ले सकते तो वे अपने पदों पर क्यों बने रहना चाहते हैं।
मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सरकार की आलोचना किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए खादर ने कहा कि कुछ को छोड़कर ज्यादातर मंत्री सदन में अनुपस्थित थे। उन्होंने आसन से कहा,‘‘...मंत्रियों को सदन में उपस्थित रहना चाहिए, कोई भी उनकी अनुपस्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता। मंत्री इस सरकार की गरिमा को कमतर कर रहे हैं। मंत्री अच्छे काम करने के बावजूद, समय पर सदन में नहीं आकर सरकार का असम्मान कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सोमवार शाम को सदन में कृष्णा बायरे गौड़ा के अलावा कोई अन्य मंत्री मौजूद नहीं थे तथा उनकी उपस्थिति से कुछ विधायी कामकाज हो सके।
विधानसभा अध्यक्ष ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘जब वे सदन में समय पर आना नहीं चाहते तो मंत्री क्यों बनें? किसी ऐसे व्यक्ति को भेजें जो समय पर आ सके (मंत्री के रूप में)। वे मंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन वे विधानसभा में जवाब नहीं दे सकते या सरकार की ओर से खड़े नहीं हो सकते, क्या किया जा सकता है?’’
खादर ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना खारिज नहीं की जा सकती है।
कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल के सदन में पहुंचने पर खादर ने कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री सदन में होते हैं तो सभी मंत्री आते हैं। इसकी आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री चीजों को संभाल सकते हैं। जब मुख्यमंत्री सदन में नहीं होते हैं, उन्हें (मंत्रियों को) आना चाहिए। जब वह (मुख्यमंत्री) यहां हैं तो (मंत्रियों) के आने और जब वह (मुख्यमंत्री) सदन में नहीं हैं तो चले जाने का क्या फायदा है?’’
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की शुरूआत की तो भाजपा विधायक सुनील कुमार ने सत्तापक्ष की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए सरकार की आलोचना की।
विपक्ष के नेता अशोक ने कहा कि मंत्रियों के पहुंचने तक सदन को स्थगित रखा जाए और उन्होंने स्पीकर से अनुरोध किया कि वह सरकार के मुख्य सचेतक को निर्देश दें कि मंत्रियों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए या फिर उन्हें पद से हटा दें।
इसके जवाब में, मुख्य सचेतक अशोक पट्टन ने कहा कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (मंत्रियों को) फोन किया और मुझे बताया गया कि वे कुछ देर में आएंगे...’’ इसके बाद खादर ने सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया।
भाषा धीरज