महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में हुआ अंतिम संस्कार
पृथ्वी, कुंज, रवि कांत
- 17 Mar 2025, 06:28 PM
- Updated: 06:28 PM
जयपुर, 17 मार्च (भाषा) मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और एचआरएच होटल समूह के अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ का सोमवार को उदयपुर के महासतिया (अंत्येष्टि स्थल) में अंतिम संस्कार किया गया।
बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इस अवसर पर अरविंद सिंह मेवाड़ के भतीजे विश्वराज सिंह, परिवार के अन्य सदस्य, राजपूत समुदाय और स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में मौजूद थे।
राजपूत शासक महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का लंबी बीमारी के बाद रविवार सुबह उदयपुर के उनके निवास-सिटी पैलेस में निधन हो गया था।
मेवाड़ की अंतिम यात्रा पूर्वाह्न लगभग 11 बजे सिटी पैलेस स्थित उनके आवास शंभू पैलेस से शुरू हुई। यह बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार और देहली गेट होते हुए 'महासतिया' (अंत्येष्टि स्थल) पहुंची।
अंतिम संस्कार में नाथद्वारा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और मेवाड़ के भतीजे विश्वराज सिंह, शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, वल्लभनगर से पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर, पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा और कवि व अभिनेता शैलेश लोढ़ा भी मौजूद थे।
अरविंद सिंह मेवाड़ लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और शंभू निवास में चिकित्सकीय देखरेख में थे। उनके पिता भगवत सिंह और मां सुशीला कुमारी इलाके की जानी-मानी हस्तियां थीं।
अरविंद सिंह उदयपुर के महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी थे। उन्होंने अन्य ट्रस्टों का भी नेतृत्व किया। भगवत सिंह की मृत्यु के बाद से, मेवाड़ घराने के नेतृत्व और संपत्ति को लेकर उनके वंशजों के बीच खींचतान व मतभेद रहे।
दरअसल भगवत सिंह ने एक ट्रस्ट के माध्यम से अपनी संपत्ति अरविंद को दे दी थी, उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित किया था और अपने सबसे बड़े बेटे महेंद्र सिंह को विरासत से वंचित कर दिया, क्योंकि महेंद्र ने अपने पिता के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
वर्ष 1984 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अरविंद ने पूर्व राजपरिवार का नेतृत्व संभाला। लेकिन, बड़ा बेटा होने के नाते महेंद्र सिंह को पूर्व राजघराने का मुखिया बनाया गया। महेंद्र सिंह का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया जिसके बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को इस परिवार का मुखिया बनाया गया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्वराज सिंह को उनके चचेरे भाई और अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने उदयपुर के सिटी पैलेस में अनुष्ठान पूरा करने के लिए प्रवेश नहीं करने दिया। हालांकि, बाद में विश्वराज ने सिटी पैलेस में 'धूनी' (पवित्र अग्नि) पर पहुंचे और धोक लगाई।
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पृथ्वी, कुंज, रवि कांत