नंदीग्राम आंदोलन न होता तो ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री न बनतीं : शुभेंदु अधिकारी
पारुल नेत्रपाल
- 12 Mar 2025, 10:14 PM
- Updated: 10:14 PM
कोलकाता, 12 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए बुधवार को कहा कि अगर नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन नहीं हुआ होता, तो तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी कभी राज्य की मुख्यमंत्री नहीं बन पातीं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु ने कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत में ममता पर ‘‘टाटा (समूह) को हुगली जिले के सिंगूर से भगाने’’ और बंगाल को ‘‘उद्योगों के कब्रिस्तान’’ में तब्दील करने का आरोप लगाया।
भाजपा पर राज्य में ‘‘फर्जी हिंदुत्व’’ लाने के ममता के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु ने कहा कि मुख्यमंत्री का ‘‘हिंदू विरोधी एवं अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण’’ वाला असली चेहरा तथा ‘‘अवसरवादी चरित्र’’ सदन में भाजपा विधायकों के सामने उजागर हो गया है।
भाजपा नेता ने विधानसभा परिसर में अपने चैंबर में तृणमूल प्रमुख के संदर्भ में कहा, ‘‘आप हिंदू विरोधी हैं, आप पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं। आपका अवसरवादी चरित्र हमारे विधायकों के सामने उजागर हो गया है, जो बंगाल के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उनकी आशंकाओं को व्यक्त कर रहे हैं।’’
शुभेंदु ने कहा, “अगर नंदीग्राम आंदोलन नहीं हुआ होता, तो आप कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पातीं। आपकी एकमात्र उपलब्धि टाटा जैसे निवेशकों को दूर भगाना है।”
इससे पहले, ममता ने शुभेंदु पर मुस्लिम विधायकों के संबंध में उनकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था और भाजपा पर राज्य में “फर्जी हिंदुत्व” लाने तथा लोकतंत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा के व्यवहार को लेकर भी चिंता जताई थी।
ममता ने शुभेंदु की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर भी कटाक्ष किया था और कहा था कि उन्होंने अपने निजी लाभ के लिए एक पार्टी छोड़ दी और दूसरी पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए, जहां उनकी नजर अधिक भूमिका हासिल करने पर है।
शुभेंदु ने कहा, “बेहतर होगा कि वह (ममता) राजनीतिक सिद्धांतों पर व्याख्यान देना बंद कर दें। राजनीति उनके लिए पेशा है, मेरे और मेरे परिवार के विपरीत, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशज हैं। मेरे पिता और हमारे परिवार के बुजुर्गों का सार्वजनिक जीवन में लंबा शानदार करियर रहा है। उन्होंने (ममता) क्या किया है?”
उन्होंने ममता पर आरोप लगाया कि जब वह कांग्रेस में थीं, तो उन्होंने राजीव गांधी को धोखा दिया था और जब वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में थीं, तो उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को धोखा दिया, “जबकि उन्हें अपने करियर के महत्वपूर्ण चरण के दौरान उनसे (राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी) मदद मिली थी।”
भाजपा नेता ने ममता को 2026 के विधानसभा चुनाव में भवानीपुर से किस्मत आजमाने की चुनौती दी। उन्होंने दावा किया, “भवानीपुर में ममता को करारी हार का सामना करना पड़ेगा।”
शुभेंदु पर पलटवार करते हुए वरिष्ठ तृणमूल नेता सोवनदेव चटर्जी ने कहा, “शुभेंदु विधायक के रूप में ली गई शपथ की भावना का उल्लंघन कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने संविधान की रक्षा करने का वादा किया था।”
उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के खिलाफ झूठ और जहर फैलाकर, शुभेंदु जैसे नेता भारत के धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी मूल्यों के खिलाफ बोल रहे हैं, जहां दशकों से विभिन्न धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक शांति एवं सद्भाव के साथ रह रहे हैं। उन्हें बंगाल की जनता से करारी हार का सामना करना पड़ेगा।”
चटर्जी ने कहा, “ममता का राजनीतिक जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। वह सड़क पर उतरकर जमीनी स्तर के लोगों के अधिकारों की वकालत करने वाली योद्धा रही हैं और उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक माकपा और वाम मोर्चे के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ममता की ओर से मंत्री पद सौंपे जाने से पहले शुभेंदु की क्या भूमिका थी और लोगों से उनका कितना जुड़ाव था?”
भाषा पारुल