दिल्ली में बेरोजगार युवकों को झांसा देने वाले कॉलसेंटर का भंडाफोड़, 18 आरोपी गिरफ्तार
धीरज नरेश
- 11 Mar 2025, 10:28 PM
- Updated: 10:28 PM
नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा)दिल्ली पुलिस ने प्रतिष्ठित बैंकों और कंपनियों के मानव संसाधन (एचआर) प्रतिनिधि बनकर नौकरी चाहने वालों को अपना शिकार बनाने वाले एक फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान धोखाधड़ी में शामिल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच 30 जनवरी को तब शुरू हुई, जब एक पीड़ित ने एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता नौकरी की तलाश कर रहा था, उसने कई जॉब पोर्टल पर अपना बायोडाटा अपलोड किया था।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) ने एक बयान में कहा, ‘‘ शिकायतकर्ता को 25 जनवरी को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को एक प्रसिद्ध बैंक का प्रतिनिधि बताया। फोन करने वाले ने उसे एक ऑनलाइन परीक्षा देने को कहा, जिसे वे पूरा नहीं कर पाए। इसके बाद, उन्हें एक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पाठ्यक्रम की सलाह दी गई, जो नौकरी पाने के लिए जरूरी बताया गया।’’
बयान के मुताबिक फोन करने वाले पर विश्वास करते हुए शिकायतकर्ता ने ठगों द्वारा उपलब्ध कराए गए दूसरे फोन नंबर के माध्यम से आगे की बातचीत की।
शिकायतकर्ता को यह विश्वास दिलाकर गुमराह किया गया कि यह एक वैध रोजगार अवसर है, और उनसे पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया। ठगों ने उसके बैंक विवरण तक भी पहुंच प्राप्त कर ली, जिसके कारण कानूनी कार्रवाई की गई।
पुलिस ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई। कॉल रिकॉर्ड, आईएमईआई ट्रैकिंग और ईमेल से जुड़े खातों के विश्लेषण के माध्यम से पुलिस ने मुख्य संदिग्धों का पता लगाया। बयान के मुताबिक सात मार्च को जनकपुरी में छापेमारी कर दो मुख्य आरोपियों गौरव दरगन (46) और पीयूष मल्होत्रा (40) को गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में जनकपुरी स्थित माता चन्नन देवी अस्पताल के पास चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पता चला।
उन्होंने बताया, ‘‘इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने मौके पर छापा मारा और दो महिलाओं सहित 16 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। गिरोह वैध कंपनियों के एचआर पेशेवर बनकर नौकरी चाहने वालों को ठगते थे। पीड़ितों को नौकरी के झूठे वादे करके बहकाया जाता था और पंजीकरण और प्रशिक्षण के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता था। हालांकि, कोई वास्तविक नौकरी की पेशकश नहीं की गई और उनके पैसे हड़प लिए गए।’’
पुलिस ने छापेमारी के दौरान सिम कार्ड सहित आठ मोबाइल फोन, आठ लैपटॉप, एक एप्पल डेस्कटॉप, पांच राउटर, दो सीपीयू और दो मॉनिटर जब्त किए।
भाषा धीरज