मस्क की स्पेसएक्स के साथ एयरटेल का उपग्रह संचार सेवा के लिए समझौता
प्रेम अजय प्रेम
- 11 Mar 2025, 10:22 PM
- Updated: 10:22 PM
नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत में अपने ग्राहकों को स्टारलिंक के तहत उच्च गति वाली इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए एलन मस्क के नेतृत्व वाली स्पेसएक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता इस लिहाज से अहम है कि भारती एयरटेल का उपग्रह के जरिये इंटरनेट सेवा देने के लिए लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण से संबंधित मुद्दों पर स्टारलिंक के साथ विवाद चल रहा था।
एयरटेल, स्टारलिंक की प्रतिद्वंद्वी फर्म यूटेलसैट वनवेब में 21.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक भी है।
वनवेब को भारत में परिचालन शुरू करने की अनुमति मिल गई है और वह सेवाएं शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार कर रही है।
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने बयान में कहा कि भारत में एयरटेल के ग्राहकों को स्टारलिंक सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेसएक्स के साथ काम करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह अगली पीढ़ी की उपग्रह कनेक्टिविटी के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विट्टल ने कहा, ‘‘यह सहयोग भारत के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी विश्वस्तरीय तेज गति वाला ब्रॉडबैंड लाने की हमारी क्षमता को बढ़ाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि हर व्यक्ति, व्यवसाय और समुदाय के पास विश्वसनीय इंटरनेट हो। स्टारलिंक, एयरटेल के उत्पादों के समूह को पूरक और उन्नत करेगी, ताकि हमारे भारतीय ग्राहकों के लिए विश्वसनीय और सस्ता ब्रॉडबैंड सुनिश्चित हो सके।’’
इस समझौते के तहत, एयरटेल और स्पेसएक्स, एयरटेल के खुदरा स्टोर पर स्टारलिंक उपकरण, एयरटेल के माध्यम से व्यावसायिक ग्राहकों को स्टारलिंक सेवाएं, समुदायों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने के अवसर, भारत के सबसे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी कई अन्य सुविधाएं प्रदान करने की संभावना तलाशेंगे।
बयान के मुताबिक, एयरटेल और स्पेसएक्स यह भी पता लगाएंगी कि स्टारलिंक किस तरह से एयरटेल नेटवर्क का विस्तार कर सकती है। इसके साथ ही स्पेसएक्स की भारत में एयरटेल के मैदानी नेटवर्क ढांचा और अन्य क्षमताओं का उपयोग करने और उनसे लाभ उठाने की क्षमता का भी पता लगाया जाएगा।
यह समझौता स्टारलिंक को लेकर एयरटेल के रुख में आए बदलाव को देखते हुए काफी अहम है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2024 में सुनील मित्तल ने उपग्रह संचार कंपनियों के लिए लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने के साथ अपनी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने की बात की थी।
मित्तल ने कहा था कि उपग्रह कंपनियों को अन्य दूरसंचार कंपनियों की तरह दूरसंचार लाइसेंस का भुगतान करना चाहिए।
हालांकि, स्पेसएक्स और अन्य उपग्रह संचार कंपनियों ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी का रास्ता अपनाने का विरोध किया था। खुद मस्क ने स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देने से ‘बहुत बड़ी परेशानी’ होने की आशंका को लेकर सवाल उठाए थे।
भाषा प्रेम अजय प्रेम