पाकिस्तान : बलूचिस्तान में एक्सप्रेस ट्रेन पर गोलीबारी, बीएलए का यात्रियों को ‘बंधक बनाने का दावा
धीरज नरेश
- 11 Mar 2025, 10:17 PM
- Updated: 10:17 PM
कराची/इस्लामाबाद, 11 मार्च (भाषा)पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में संदिग्ध बलूच बंदूकधारियों ने मंगलवार को एक यात्री ट्रेन पर गोलीबारी की, जिसमें कई यात्री घायल हो गए। हमलावरों ने दावा किया कि उन्होंने 100 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि नौ डिब्बों में लगभग 500 यात्रियों को लेकर जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी तभी गुदलार और पीरू कोनेरी इलाकों के बीच उस पर गोलीबारी की गई।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उसने ट्रेन को बेटपरी कर उसपर कब्जा कर लिया, छह सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी और सक्रिय ड्यूटी कर्मियों सहित 100 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया है।
हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने बीएलए के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
महिलाओं और बच्चों सहित यात्रियों की तत्काल स्थिति का पता नहीं चल पाया है।
बीएलए ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने कोई सैन्य कार्रवाई की तो ‘सभी बंधकों को मार दिया जाएगा’। यह समूह पाकिस्तान के अलावा ब्रिटेन और अमेरिका में भी प्रतिबंधित है।
आधिकारिक तौर पर हताहतों की संख्या की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी में ट्रेन चालक और कई यात्री घायल हुए हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा, ‘‘क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर पीरू कोनेरी और गुदलार के बीच भारी गोलीबारी की खबरें हैं।’’
रिंद के मुताबिक बचाव दल और सुरक्षा बल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और हमलावरों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित की गयी है।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि आखिरी आतंकवादी को मार गिराए जाने तक अभियान जारी रहेगा।उन्होंने बताया कि जटिल भू स्थिति की वजह से अभियान में मुश्किल आ रही है। रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ट्रेन का चालक गंभीर रूप से घायल हुआ है और मदद के लिए आपात राहत ट्रेन भेजी गई है।
रेलवे नियंत्रक मुहम्मद कासिफ ने बताया है कि नौ डिब्बों वाली इस ट्रेन में करीब 500 यात्री सवार थे। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेन को सुरंग संख्या 8 में हथियारबंद लोगों ने रोक दिया। ’’
पाकिस्तान रेलवे के मुताबिक इस रेलमार्ग पर 17 सुरंगें हैं और दुर्गम इलाका होने के कारण ट्रेन की गति अक्सर धीमी रहती है।
बलूचिस्तान सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को ‘‘आपातकालीन कदम’’ उठाने का निर्देश दिया है। प्रांतीय सरकार के एक बयान में कहा गया है कि सिबी अस्पताल में आपात स्थिति लागू कर दी गयी है।
जियो न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी कि आतंकवादियों ने पटरी के एक हिस्से को उड़ा दिया था और इसके बाद ट्रेन रोकी गई। खबर के मुताबिक आतंकवादियों ने इंजन पर गोलीबारी की, जिससे चालक घायल हो गया।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक ट्रेन में मौजूद सुरक्षा अधिकारियों और हमलावरों के बीच गोलीबारी हुई। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने सुरंग में ट्रेन पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि हमले के स्थान पर मोबाइल और टेलीफोन नेटवर्क क्षीण होने की वजह से ट्रेन चालक दल से तत्काल संपर्क नहीं हो सका।
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘बेगुनाह यात्रियों पर गोली चलाने वाले दरिंदे किसी भी रियायत के हकदार नहीं हैं।’’
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन खान गंडापुर ने ट्रेन पर हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवादियों द्वारा यात्रियों को बंधक बनाने पर चिंता जताई।
गंडापुर ने कहा, ‘‘निर्दोष यात्रियों को निशाना बनाना और उनकी जान को खतरे में डालना एक कायरतापूर्ण और क्रूर कृत्य है।’’
पूर्व में भी इस रेलखंड पर बलूच आतंकवादियों द्वारा रॉकेट या रिमोट-नियंत्रित बमों का उपयोग करके हमला किया गया था। अधिकांश हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली थी।
पिछले वर्ष अक्टूबर में पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय के निलंबन के बाद क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवाएं बहाल करने की घोषणा की थी।
बलूचिस्तान में पिछले एक साल में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है। नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 62 अन्य घायल हुए थे।
तेल और खनिज संपन्न बलूचिस्तान, पाकिस्तान का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है।
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा है। बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षा कर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं।
भाषा धीरज