गुजरात विस में हंगामा करने के लिए कांग्रेस विधायक मेवाणी निलंबित
अमित नरेश
- 10 Mar 2025, 10:16 PM
- Updated: 10:16 PM
गांधीनगर, 10 मार्च (भाषा) कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को गुजरात विधानसभा में हंगामा करने के लिए सोमवार को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। बाद में मार्शलों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब मेवाणी ने पिछले साल गुजरात में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ जिला कलेक्टरों पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया।
मेवाणी ने कहा कि इन अनियमितताओं से गुजरात सरकार पर 121 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है, क्योंकि कुछ अधिकारियों ने अत्यधिक धनराशि खर्च की और 2024 के आम चुनावों के दौरान उपयोग किए गए उत्पादों और सेवाओं के लिए बढ़ा-चढ़ाकर बिल पेश किए।
मेवाणी के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय एवं विधायी मामलों के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जाते हैं और अधिकारियों की नियुक्ति या निगरानी में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है।
सामान्य प्रशासन विभाग के लिए बजटीय आवंटन पर मेवाणी ने कहा कि गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने पांच जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी करके कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा किया गया खर्च "समझ से परे" था।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस पोरबंदर, जामनगर, दाहोद, भरूच और गिर सोमनाथ जिलों के तत्कालीन कलेक्टरों को जारी किए गए थे।
मेवाणी ने कहा कि पोरबंदर के तत्कालीन जिला कलेक्टर (सह रिटर्निंग ऑफिसर) ने मतदान केंद्रों के बाहर अस्थायी शामियाना लगाने के लिए 20 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हालांकि, नियुक्त एजेंसी ने काम पूरा करने के बाद 2.56 करोड़ रुपये का बिल पेश किया। कलेक्टर ने उस बिल को मंजूरी देने पर भी सहमति जतायी।"
मेवाणी के अनुसार, जब गांधीनगर से पूछताछ की गई, तो एजेंसी ने बिल की राशि घटाकर 57 लाख रुपये कर दी, जो टेंडर राशि से करीब तीन गुना थी। उन्होंने कहा, "फिर भी कलेक्टर भुगतान करने के लिए तैयार थे।"
मेवाणी ने दावा किया कि उनके पास संबंधित दस्तावेज हैं और आरोप लगाया कि चुनाव में लगे अधिकारियों ने कुछ ही दिनों में 16,000 रुपये के मेवे खा लिए और उस बिल को भी कलेक्टर द्वारा मंजूरी के लिए भेज दिया गया।
मेवाणी ने आरोप लगाया, ‘‘अधिकारियों ने 30,000 रुपये का चिकन खाया और पोरबंदर कलेक्टर ने उस बिल में एक रेस्टोरेंट के रसोइए का वेतन जोड़ दिया। एक वाहन पर सायरन लगाने के लिए, जो बाजार में 6,000 रुपये में उपलब्ध है, 60,000 रुपये का बिल पेश किया गया।"
उन्होंने कहा कि जामनगर में एक चुनाव अधिकारी ने एक बिल पेश किया जिसमें दावा किया गया कि एक विधानसभा सीट पर एक दिन में उनके वाहन में लगभग 90 लीटर ईंधन का उपयोग किया गया।
मेवाणी ने सवाल किया कि क्या अधिकारी ने जामनगर में कलावद विधानसभा सीट के अंदर एक दिन में 900 किलोमीटर की यात्रा की।
बनासकांठा में वडगाम सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले मेवाणी ने कहा, "राज्य सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिना जांच के कोई भी बिल स्वीकृत न हो। फर्जी बिल पेश करने और करदाताओं के पैसे बर्बाद करने के लिए इन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।"
मेवाणी के ये दावे करते ही मंत्री ऋषिकेश पटेल ने उपसभापति जेठाभाई भारवाड से आग्रह किया कि वे मेवाणी की चुनाव पर की गई टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दें। हालांकि, भारवाड ने तुरंत कोई फैसला नहीं सुनाया।
पटेल की टिप्पणियों से नाराज मेवाणी अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और अपने आरोपों पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए धरना शुरू कर दिया।
बार-बार अनुरोध के बावजूद जब मेवाणी अपनी सीट पर नहीं लौटे, तो उपसभापति ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित कर दिया और मार्शल को मेवाणी को बाहर निकालने का आदेश दिया। फैसले के बाद मार्शल ने कांग्रेस विधायक को सदन से बाहर निकाल दिया।
भाषा अमित