उप्र सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता को सुदृढ़ करने के लिए नई नीति बनाई
आनन्द पारुल संतोष
- 10 Mar 2025, 08:24 PM
- Updated: 08:24 PM
लखनऊ, 10 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण स्वच्छता को और अधिक सुदृढ़ करने के लिहाज से एक नई नीति लेकर आई है, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों में निर्मित स्वच्छता परिसंपत्तियों का प्रभावी संचालन और दीर्घकालिक रखरखाव सुनिश्चित करके स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लक्ष्य को पूरी तरह से साकार करना है।
सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। बयान के अनुसार, पंचायतीराज निदेशक की अध्यक्षता में मसौदा समिति का गठन करके नई नीति का मसौदा तैयार किया गया है।
नई नीति के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर अपशिष्ट प्रबंधन को और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वच्छता की यह उपलब्धि स्थायी रूप से बनी रहे।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार के इस प्रयास से ग्रामीण स्वच्छता से जुड़े सभी कार्यों को मजबूती मिलेगी और ग्राम पंचायतों में स्वच्छता का स्तर और ऊंचा होगा।
यह नीति उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे स्वच्छ और समृद्ध ग्रामीण राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
बयान में कहा गया कि नई नीति का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ग्राम पंचायतें स्वच्छता प्रबंधन में आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके तहत पंचायतों को उनके क्षेत्र में निर्मित परिसंपत्तियों की देखभाल के लिए ठोस दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी शौचालय, कचरा प्रबंधन केंद्र या जल निकासी प्रणाली अनुपयोगी न रहे और सभी सुविधाएं सुचारु रूप से कार्य करती रहें।
इसके अतिरिक्त, गोबरधन योजना के तहत बायोगैस इकाइयों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। यह योजना गांवों में कचरे को उपयोगी संसाधन में बदलने के लिए सरकार के सतत विकास के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी।
बयान के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा निस्तारण, मल-मूत्र जैसे अपशिष्ट के प्रबंधन और गोबरधन परियोजना के तहत बायोगैस इकाइयों के निर्माण जैसी योजनाओं को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।
साथ ही, व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण एवं रखरखाव पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ प्लस) घोषित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), 15वां केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और मनरेगा की धनराशि से ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धनों के कार्य को संपन्न करके प्रदेश के गांवों को ओडीएफ प्लस ग्राम घोषित किया गया है। प्रदेश के कुल 96,174 गांवों के सापेक्ष 85,827 गांवों को ‘ओडीएफ प्लस’ ग्राम घोषित किया गया है।
सरकार का लक्ष्य 2025 तक सभी ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना है, जिससे न केवल स्वास्थ्य और पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। सरकार विभिन्न विकास संगठनों, तकनीकी साझेदारों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करेगी। इससे उत्तर प्रदेश के गांवों में स्वच्छता के साथ-साथ नवाचार और सतत विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भाषा आनन्द पारुल