मध्यप्रदेश के 67.86 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल का कनेक्शन: जल शक्ति राज्यमंत्री सोमण्णा
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र सुभाष
- 10 Mar 2025, 07:33 PM
- Updated: 07:33 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि साल 2019 में मध्यप्रदेश के 12.10 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास नल से जल का कनेक्शन था जो अब बढ़कर 67.86 प्रतिशत परिवारों तक पहुंच गया है।
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जल शक्ति राज्यमंत्री वी. सोमण्णा ने यह भी बताया कि राज्य के 111.82 लाख ग्रामीण परिवारों में से अब महज 35.94 लाख परिवार ही इस सुविधा से वंचित रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि शेष परिवारों के लिए नल से जल का कनेक्शन प्रदान करने का कार्य विभिन्न चरणों में है।
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह सवाल पूछा था कि वर्ष 2024-25 तक केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत मध्यप्रदेश में कितनी योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि उक्त मिशन के अंतर्गत राज्य में कितने परिवारों तक नल से जल पहुंचाया गया है और कितने परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जाना शेष है।
सोमण्णा ने इसके जवाब में कहा, ‘‘अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत में मध्यप्रदेश में केवल 13.53 लाख ग्रामीण परिवारों, यानी 12.10 प्रतिशत के पास नल से जल का कनेक्शन होने की जानकारी थी।’’
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 6 मार्च 2025 तक जल जीवन मिशन के तहत 62.5 लाख और ग्रामीण परिवारों को नल से जल के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार 6 मार्च 2025 तक राज्य के 111.82 लाख ग्रामीण परिवारों में से लगभग 75.88 लाख, यानी 67.86 प्रतिशत परिवारों को उनके घरों में नल जल आपूर्ति होने की जानकारी है और शेष 35.94 लाख परिवारों के लिए कार्य पूरा होने के विभिन्न चरणों में है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2019 से लेकर 2025 तक राज्य को जल जीवन मिशन योजना के तहत राज्य को कुल 26,952.10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि आहरित निधि 16,232.4 करोड़ रुपये है।
उन्होंने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 46,423 योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने बताया कि मिशन का प्रारंभिक अनुमानित परिव्यय 3.5 लाख करोड रुपये था, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 2.8 का करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित लगभग संपूर्ण केंद्रीय अंश पात्र राज्यों को जारी कर दिया गया है। इसके अलावा वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने अपने बजट भाषण 2025-26 के दौरान, जल जीवन मिशन को वर्ष 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र