देश में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की संख्या सात लाख से अधिक: रक्षा राज्य मंत्री सेठ
सुभाष ब्रजेन्द्र
- 10 Mar 2025, 07:22 PM
- Updated: 07:22 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि 31 दिसंबर 2024 तक देश में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की कुल संख्या 7,40,766 थी।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने उच्च सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘31 दिसंबर 2024 तक देश में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की कुल संख्या 7,40,766 थी।’’
उन्होंने लिखित उत्तर में पूर्व सैनिकों की विधवाओं का राज्यवार आंकड़ा भी साझा किया।
साझा किये गए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पूर्व सैनिकों की 75,821 विधवाएं पंजीकृत हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 72,071, केरल में 71,570 और बिहार में 12,558 है।
सेठ से यह भी पूछा गया था कि सरकार इन विधवाओं को दी जाने वाली मासिक सहायता में नियमित रूप से संशोधन करती है या नहीं और क्या सरकार ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और सशस्त्र बल कर्मियों के परिवारों के लिए कल्याणकारी उपायों की समीक्षा की है कि नहीं।
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘विधवाओं को मासिक सहायता पारिवारिक पेंशन के रूप में प्रदान की जा रही है। वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा उनकी स्वीकृति के आधार पर पारिवारिक पेंशन की समीक्षा की जाती है। महंगाई राहत, जिसका समय-समय पर आकलन किया जाता है, के परिणामस्वरूप वितरित राशि में वृद्धि की जा सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और सशस्त्र सैन्य कर्मियों के परिवारों के लिए कल्याणकारी उपायों की समय-समय पर समीक्षा करती है।’’
मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अनुकंपा के आधार पर क्या अन्य रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘हां। भारतीय सेना के लिए अधिकारी के चयन में पूर्व सैनिकों की विधवाओं और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों/बच्चों के लिए रिक्तियां आरक्षित हैं। उन्हें शॉर्ट सर्विस कमीशन (तकनीकी) और शॉर्ट सर्विस कमीशन (गैर-तकनीकी) महिला प्रवेश के लिए वरीयता दी जाती है।’’
उन्होंने जवाब में कहा, ‘‘रक्षाकर्मियों की विधवाओं को भी 35 वर्ष की आयु तक छूट प्रदान की जाती है।’’
सेठ ने यह भी कहा कि सेना कल्याण आवास संगठन ने प्रत्येक परियोजना में, पूर्व सैनिकों की विधवाओं के लिए 3 प्रतिशत कोटा का प्रावधान किया है।
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