न्यायालय ने पुणे के रेस्तरां को 'बर्गर किंग' नाम इस्तेमाल करने की अनुमति दी
सिम्मी नरेश
- 10 Mar 2025, 06:57 PM
- Updated: 06:57 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें पुणे के एक रेस्तरां को खाद्य क्षेत्र की अमेरिकी कंपनी ‘बर्गर किंग कॉरपोरेशन’ की याचिका का निपटारा होने तक उसके ट्रेडमार्क ‘बर्गर किंग’ का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया था।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका पर ‘बर्गर किंग कॉरपोरेशन’ को नोटिस जारी किया।
पीठ ने सात मार्च को कहा, ‘‘जिस निर्णय को चुनौती दी गई है उस पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है। हालांकि, इस विशेष अनुमति याचिका के लंबित रहने के कारण उच्च न्यायालय में प्रतिवादी द्वारा दायर याचिका का यथाशीघ्र निपटारा करने में कोई बाधा नहीं आएगी। हम ऐसा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कह रहे हैं कि प्रतिवादी उसके द्वारा दायर मुकदमे में असफल रहा है क्योंकि मुकदमा खारिज कर दिया गया है।’’
बंबई उच्च न्यायालय ने दो दिसंबर, 2024 को पुणे स्थित रेस्तरां को इस नाम का उपयोग करने से रोक दिया था।
कंपनी ने अगस्त, 2024 में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसी महीने पुणे की एक अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। पुणे की अदालत के आदेश में भोजनालय के खिलाफ ‘ट्रेडमार्क’ उल्लंघन का आरोप लगाने वाले कंपनी के मुकदमे को खारिज कर दिया गया था।
‘बर्गर किंग कॉरपोरेशन’ ने एक आवेदन भी दायर किया था और उच्च न्यायालय से पुणे के भोजनालय मालिकों - अनाहिता ईरानी और शापूर ईरानी - पर उसके ‘ब्रांड’ के नाम का तब तक उपयोग करने पर अंतरिम रोक लगाए जाने का अनुरोध किया था, जब तक कि उसकी याचिका की सुनवाई और अंतिम निपटान न हो जाए।
अंतरराष्ट्रीय ‘फास्ट-फूड’ श्रृंखला ने तर्क दिया है कि उसके नाम का इस्तेमाल करने से उसके ब्रांड नाम को भारी नुकसान एवं क्षति हुई है और उसकी साख, व्यापार एवं प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। पुणे की अदालत ने ‘बर्गर किंग कॉरपोरेशन’ द्वारा दायर 2011 के मुकदमे को खारिज करते हुए कहा था कि शहर स्थित भोजनालय ‘बर्गर किंग’ का संचालन 1992 से किया जा रहा था जो कि अमेरिकी कंपनी द्वारा भारत में अपनी दुकानें से खोलने से पहले की बात है।
भाषा सिम्मी