कठुआ की हत्याओं को राजनीतिक रंग देने की चेष्टा : उमर अब्दुल्ला
राजकुमार नरेश
- 10 Mar 2025, 04:20 PM
- Updated: 04:20 PM
(तस्वीरों के साथ)
जम्मू, 10 मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ में हाल में पांच नागरिकों की रहस्यमयी मौत पर विधानसभा में चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को दावा किया कि इसे (इन मौतों को) ‘‘राजनीतिक रंग’’ देने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने विपक्ष के नेता को शोक संतप्त परिवारों से मिलने की अनुमति देने लेकिन उपमुख्यमंत्री को ऐसा करने से रोकने को लेकर पुलिस पर सवाल उठाया।
अब्दुल्ला ने बानी के निर्दलीय विधायक रामेश्वर सिंह पर हमला करने वालों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की मांग की।
सिंह कठुआ के बिलावर तहसील स्थित एक अस्पताल में उन तीन लोगों के परिजनों से मिलने गए थे जिनके शव शनिवार को एक सुदूर क्षेत्र में एक झरने से बरामद किए गए थे। ये तीनों उससे तीन दिन पहले एक विवाह समारोह से लापता हो गए थे।
विधानसभा में सोमवार को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सदस्यों ने कठुआ में नागरिकों की हत्या समेत विभिन्न मुद्दे उठाए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम वाई तारिगामी ने मुख्यमंत्री से हत्याओं पर सदन की चिंता व्यक्त करने को कहा।
अब्दुल्ला ने बजट पर चर्चा शुरू होने से पहले कहा, ‘‘तारिगामी ने सही मुद्दा उठाया है। सदन के नेता के तौर पर मैं कठुआ की स्थिति पर अपनी और सदन की चिंता दर्ज कराना चाहता हूं। हम निर्दोष (पांच) लोगों की हत्या की निंदा करते हैं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।’’
वरुण सिंह (15), उसके चाचा योगेश सिंह (32) और मामा दर्शन सिंह (40) के शव शनिवार को कठुआ के सुदूर मल्हार इलाके के ईशू झरने में मिले थे। तीनों पांच मार्च को एक शादी समारोह में शामिल होने के दौरान लापता हो गए थे।
अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा सदस्य और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, ‘‘(कठुआ की घटनाओं को) राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। मुझे आश्चर्य है कि विपक्ष के नेता को (शोक संतप्त परिवारों से मिलने की) अनुमति दी गई, लेकिन उपमुख्यमंत्री (सुरिंदर चौधरी) को रोक दिया गया। मैंने रविवार सुबह उपमुख्यमंत्री से बात की, क्योंकि उन्होंने कठुआ जाने की योजना बनाई थी और प्रशासन को अपने कार्यक्रम के बारे में सूचित किया था।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘लेकिन रविवार को उनके आवास के बाहर और अधिक पुलिस बल तैनात कर दिया गया और उनसे कहा गया कि इस समय क्षेत्र में उनकी यात्रा उचित नहीं है।.... उन्होंने मुझसे बात की कि क्या करना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि यदि प्रशासन को यह आशंका है कि हमारी यात्रा से स्थिति बिगड़ सकती है तो बेहतर है कि वह वहां न जाएं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ मैं यह समझने में असफल रहा कि यदि स्थिति ऐसी थी कि उपमुख्यमंत्री वहां नहीं जा सकते थे, तो विपक्ष के नेता को कैसे अनुमति दी गई।’’
हालांकि शर्मा ने उन्हें उनके दौरे के बारे में समझाने की कोशिश की।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आप (विपक्ष के नेता) जवाब नहीं दे सकते, क्योंकि मैं आपसे नहीं पूछ रहा हूं। मेरा सवाल उन लोगों से है, जिन्होंने आपको (कठुआ जाने की) अनुमति दी, लेकिन उपमुख्यमंत्री को रोक दिया।’’
भाषा
राजकुमार