वेतन संशोधन वार्ता जारी रहने के बावजूद श्रमिक संगठन कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन : एनएमडीसी
अनुराग अजय
- 09 Mar 2025, 02:48 PM
- Updated: 02:48 PM
नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की लौह अयस्क खनन कंपनी एनएमडीसी ने रविवार को कहा कि वेतन संशोधन पर बातचीत जारी रहने के बावजूद श्रमिक संघ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
एनएमडीसी ने बयान में कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) को पहले ही सूचित कर दिया है कि श्रमिक संगठनों ने छह मार्च से काम में ‘जानबूझकर’ सुस्ती की नीति अपनाई है।
एनएमडीसी के अनुसार, सबसे हालिया वेतन संशोधन 2017 में हुआ था, और अगला संशोधन 2022 में होने वाला था। यूनियनों द्वारा मांगों का चार्टर (सीओडी) 27 फरवरी, 2023 को पेश किया गया था।
एनएमडीसी प्रबंधन ने तेजी से काम किया और आठ महीने के भीतर श्रमिक संगठनों के साथ आम सहमति बना ली। अगस्त, 2024 में द्विपक्षीय उप-समिति ने अपनी सिफारिशें पेश कीं।
वेतन समझौते के संबंध में ट्रेड यूनियनों और एनएमडीसी प्रबंधन के बीच पहले ही सहमति बन चुकी है।
मामले को पुष्टि के लिए इस्पात मंत्रालय को भेजा गया था।
एनएमडीसी प्रबंधन मंत्रालय के साथ मामले को आगे बढ़ा रहा है और समय-समय पर यूनियन नेताओं को परिणाम के बारे में जानकारी दे रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि उसने मंत्रालय को यह भी सूचित किया है कि हड़ताल से एनएमडीसी में उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जो पहले से ही चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए 4.8 करोड़ टन के वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
पिछले कुछ दिन में उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जिससे कंपनी के लिए पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में दर्ज उत्पादन को प्राप्त करना भी बड़ी चुनौती बन गया है।
हड़ताल का निश्चित रूप से कंपनी के खातों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। नतीजतन, अगर कंपनी चालू वित्त वर्ष में खराब भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन दर्ज करती है, तो कर्मचारियों को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
प्रबंधन ट्रेड यूनियनों से अपील कर रहा है कि वे इस तरह के कठोर कदम उठाने से बचें, क्योंकि यह राष्ट्र, कंपनी और यहां तक कि कर्मचारियों के हित में नहीं है।
उसने कहा, “बार-बार अपील के बावजूद कर्मचारी यूनियन अवैध हड़ताल पर उतर आई हैं।”
कंपनी के एक सूत्र ने बताया कि यूनियन नेताओं के प्रभाव में करीब 4,000 कर्मचारी विभिन्न खनन कार्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हैदराबाद स्थित एनएमडीसी छत्तीसगढ़ के बैलाडीला परिसर में तीन और कर्नाटक के डोनिमलाई परिसर में दो लौह अयस्क खदानों का स्वामित्व और संचालन करती है।
भाषा अनुराग