शाह ने भाषा के मुद्दे पर स्टालिन पर निशाना साधा, मेडिकल, इंजीनियरिंग की शिक्षा तमिल में देने को कहा
नेत्रपाल नरेश
- 07 Mar 2025, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
(तस्वीरों के साथ)
रानीपेट (तमिलनाडु), सात मार्च (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार में भाषा के मुद्दे पर छिड़े विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा प्रदान करने को कहा तथा तमिल भाषा की सराहना भी की।
भाषा के मुद्दे, विशेष रूप से हिंदी ‘थोपे जाने’ के स्टालिन के आरोप को लेकर शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बदलाव किए हैं और अब यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अभ्यर्थी अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकें।
चेन्नई से करीब 70 किलोमीटर दूर रानीपेट में आरटीसी थक्कोलम में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 56वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि परीक्षा में उत्तर पुस्तिका तमिल में भी लिखी जा सकेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से छात्रों के लाभ के लिए राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा शुरू करने की अपील करता हूं।’’
राज्य में भाषा को लेकर जारी विवाद के बीच शाह की यह टिप्पणी आई।
सत्तारूढ़ द्रमुक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के माध्यम से हिंदी लागू करने का प्रयास किए जाने का दावा कर रही है, हालांकि केंद्र ने इसका खंडन किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह केवल द्वि-भाषा नीति, यानी तमिल और अंग्रेजी का पालन करेगी।
उन्होंने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की संस्कृति ने भारत की सांस्कृतिक धारा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चाहे वह प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक ऊंचाइयों को प्राप्त करना हो, शिक्षा हो या राष्ट्र की एकता और अखंडता हो, तमिलनाडु ने हर क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को मजबूत किया है।’’
इस कार्यक्रम में अर्द्धसैनिक बल की टुकड़ियों का ‘मार्च पास्ट’, योग प्रदर्शन और कमांडो अभियान का प्रदर्शन किया गया।
शाह ने कहा कि तमिल भाषा, संस्कृति और परंपराएं भारत की विरासत के अमूल्य रत्न हैं, जिन्हें आज पूरा देश गर्व से अपनाता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यह भी गर्व की बात है कि सीआईएसएफ थक्कोलम प्रशिक्षण केंद्र, राजादित्य चोझान आरटीसी का नाम चोल वंश के महान योद्धा और वीर तमिल राजा आदित्य चोल के सम्मान में रखा गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि राजा आदित्य चोल ने तमिलनाडु की इसी धरती पर वीरता और बलिदान की गाथाएं गढ़ीं और शहादत प्राप्त की, जिससे चोल साम्राज्य की गौरवशाली परंपराओं को और मजबूती मिली।
उन्होंने सीआईएसएफ के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने में अर्धसैनिक बल का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।
शाह ने कहा, ‘‘चाहे वह देश का औद्योगिक विकास हो, व्यापार या शोध संस्थान हों, उनकी सुरक्षा की कल्पना सीआईएसएफ के जवानों के बिना नहीं की जा सकती। यह सीआईएसएफ की अटूट निष्ठा और समर्पण का परिणाम है कि आज देश इन सभी क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से आगे बढ़ रहा है।’’
गृह मंत्री शाह सीआईएसएफ के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर उन्होंने सीआईएसएफ के महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी की उपस्थिति में बल की पत्रिका ‘सेंटिनल’ का विमोचन किया, एक जिम का उद्घाटन किया तथा 94.37 करोड़ रुपये की लागत की छह कल्याणकारी परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
इससे पहले, उन्होंने सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए सीआईएसएफ कर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की।
भाषा नेत्रपाल