आईपीओ की तैयारी में जुटी एनएसई का मूल्यांकन 200 प्रतिशत बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये पर : रिपोर्ट
पाण्डेय अजय
- 18 Feb 2025, 04:14 PM
- Updated: 04:14 PM
मुंबई, 18 फरवरी (भाषा) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रही एनएसई का मूल्यांकन 2024 में 201 प्रतिशत बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार एनएसई ने बाजार नियामक सेबी से आईपीओ की मंजूरी पाने के लिए आवेदन किया है।
बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया की 500 सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की सूची के अनुसार, एनएसई देश की 10वीं सबसे मूल्यवान निजी कंपनी है।
सितंबर, 2024 की रिपोर्ट के अनुसार इसका मूल्यांकन 3.12 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी, जो दुनिया का सबसे बड़ा वायदा-विकल्प बाजार भी चलाती है, आईपीओ के जरिये अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
वित्त वर्ष 2023-24 में एनएसई का कुल राजस्व 28 प्रतिशत बढ़कर 16,352 करोड़ रुपये हो गया और शुद्ध लाभ 51 प्रतिशत बढ़कर 8,306 करोड़ रुपये रहा।
हुरुन ने कहा कि उसने देशभर में उद्योग विशेषज्ञों, पत्रकारों, बैंकरों से बात की है और निजी या गैर-सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्यांकन पता करने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों का इस्तेमाल किया है।
इन कंपनियों की सूची में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 17.5 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सबसे आगे है, जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 16.1 लाख करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है।
अरबपति गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन का मूल्यांकन 13 दिसंबर को 2,73,530 करोड़ रुपये था।
अडाणी समूह का मूल्यांकन 13.40 लाख करोड़ रुपये था, जबकि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह का कुल मूल्यांकन 19.71 लाख करोड़ रुपये आंका गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस का मूल्यांकन 37 प्रतिशत बढ़कर 32.27 लाख करोड़ रुपये हो गया।
हुरुन के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि इस साल शीर्ष 500 कंपनियों में पहुंची अंतिम कंपनी का मूल्य 9,580 करोड़ रुपये था। पहली बार सूची में शामिल सभी कंपनियों का मूल्य एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था।
भाषा पाण्डेय