मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव : 10 उम्मीदवार मैदान में
राजकुमार
- 21 Jan 2025, 07:11 PM
- Updated: 07:11 PM
अयोध्या (उप्र), 21 जनवरी (भाषा) अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पांच फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए 10 उम्मीदवार मैदान में हैं।
मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) के अजीत प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चंद्रभानु पासवान के बीच दिखाई दे रहा है।
इन दो मुख्य राजनीतिक दलों के अलावा, आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम), मौलिक अधिकार पार्टी और राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। पांच निर्दलीय उम्मीदवार भी उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने कहा कि उम्मीदवार तीन फरवरी को शाम छह बजे तक प्रचार कर सकते हैं। मतदान पांच फरवरी को होगा और मतगणना आठ फरवरी को होगी।
सिंह ने बताया कि इस उपचुनाव में 1.92 लाख से अधिक पुरुष और 1.77 लाख से अधिक महिलाओं समेत 3.70 लाख से अधिक मतदाता हैं जो ईवीएम के जरिए इन 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष उपचुनाव सुनिश्चित करने के लिए 255 मतदान केंद्र और 414 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उनका कहना है कि इन स्थानों पर किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए चार ‘जोनल’ और 41 ‘सेक्टर’ मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे।
वर्ष 2022 में पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद से सांसद निर्वाचित होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था जिसके चलते मिल्कीपुर सीट खाली हुई है।
प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि उपचुनाव प्रक्रिया आगामी 10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी।
मिल्कीपुर को छोड़कर राज्य की नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव पिछले साल 20 नवंबर को हुए थे।
सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद ने नौ में से सात सीट हासिल की थी और सपा ने अन्य दो सीट पर कब्जा किया था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार गोरखनाथ को मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद से पराजय का सामना करना पड़ा था। बाद में गोरखनाथ ने प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी और विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान सपा नेता द्वारा दायर किये गये हलफनामे में विसंगतियों का आरोप लगाया।
हालांकि प्रसाद के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद इस साल की शुरुआत में याचिकाएं वापस ले ली गईं, जिससे मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया।
भाषा सं सलीम